Saturday, 15 March 2025

राजसमंद: होली उत्सव के दौरान गेर नृत्य करते समय सेवंत्री सरपंच विकास दवे की हार्टअटैक से मौत


राजसमंद: होली उत्सव के दौरान गेर नृत्य करते समय सेवंत्री सरपंच विकास दवे की हार्टअटैक से मौत

राजसमंद जिले में होली के जश्न के दौरान एक दुखद घटना घटी। सेवंत्री ग्राम पंचायत के सरपंच विकास दवे (53) की गेर नृत्य करते समय दिल का दौरा (हार्टअटैक) पड़ने से मौत हो गई।

गेर नृत्य के दौरान अचानक गिरे सरपंच

होली के अवसर पर सेवंत्री गाँव में पारंपरिक गेर नृत्य का आयोजन किया गया था। इस नृत्य में सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे, और सरपंच विकास दवे भी पूरे उत्साह के साथ इस परंपरा का हिस्सा बने। ग्रामीणों के अनुसार, वे नृत्य करते-करते अचानक संतुलन खो बैठे और सिर के बल गिर पड़े।

घटना होते ही वहाँ मौजूद लोग तुरंत उनकी सहायता के लिए दौड़े और उन्हें उठाने की कोशिश की, लेकिन तब तक वे अचेत हो चुके थे। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

गाँव में शोक की लहर, सरपंच को श्रद्धांजलि

इस आकस्मिक निधन से पूरे गाँव में शोक की लहर दौड़ गई है। विकास दवे एक लोकप्रिय सरपंच थे, जो गाँव के विकास कार्यों में हमेशा आगे रहते थे। उनके अचानक चले जाने से ग्रामीण स्तब्ध हैं। गाँव के बुजुर्गों और युवाओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वे एक सज्जन, मिलनसार और समाजसेवी व्यक्ति थे।

डॉक्टरों की प्रारंभिक रिपोर्ट में हार्टअटैक की पुष्टि

मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, हार्टअटैक को ही उनकी मौत का संभावित कारण बताया गया है। हालाँकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी। डॉक्टरों ने बताया कि अचानक अत्यधिक शारीरिक परिश्रम, खासकर किसी हृदय रोगी के लिए, घातक साबित हो सकता है।

परिवार और प्रशासन ने जताया दुख

इस घटना पर ग्राम पंचायत, प्रशासन और ग्रामीणों ने गहरा शोक व्यक्त किया। विकास दवे के परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चे हैं, जो इस हादसे से पूरी तरह से टूट चुके हैं। जिला प्रशासन ने उनके परिवार को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।

गेर नृत्य: राजस्थानी संस्कृति की अनूठी परंपरा

गेर नृत्य राजस्थान की परंपरागत होली संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह विशेष रूप से आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में प्रचलित लोकनृत्य है, जिसे होली के दिन उत्साहपूर्वक किया जाता है। इसमें ढोल-नगाड़ों की धुन पर समूह में रंगों और परिधानों के साथ नृत्य किया जाता है।

सेवंत्री गाँव में यह परंपरा वर्षों से निभाई जा रही है, लेकिन इस बार का आयोजन गाँव के लिए एक दुःखद यादगार बन गया।

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