Sunday, 14 September 2025

डोटासरा का बयान संसदीय मर्यादाओं की घोर अवहेलना: मदन राठौड़


डोटासरा का बयान संसदीय मर्यादाओं की घोर अवहेलना: मदन राठौड़

जयपुर। विधानसभा में कैमरा विवाद को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राठौड़ ने इसे “निंदनीय और संसदीय मर्यादाओं की घोर अवहेलना” बताया।

राठौड़ ने कहा कि विधानसभा कोई निजी स्थान नहीं बल्कि लोकतंत्र का मंदिर है, जहां होने वाली प्रत्येक गतिविधि जनता के हित में होती है और पूरी पारदर्शिता के साथ उसका प्रसारण किया जाता है। निजता का हवाला देना संसदीय परंपराओं की अज्ञानता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जो लोग सेवा नहीं करते और केवल अनर्गल बयानबाजी करते हैं, वे ही स्पीकर जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर आरोप लगाते हैं।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि विधानसभा अध्यक्ष एक संरक्षक और गार्जियन के समान होते हैं। उनके चरित्र पर उंगली उठाना कांग्रेस की “ओछी मानसिकता” को दर्शाता है। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भूल गए हैं कि उनके ही वरिष्ठ नेताओं ने विधानसभा में महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और उनकी सरकार के समय राजस्थान महिला अपराध में शीर्ष पर पहुंच गया था।

राठौड़ ने कांग्रेस पर बार-बार ईवीएम और वोट चोरी जैसे झूठे आरोप लगाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “वोट चोरी की शुरुआत पंडित नेहरू के समय हुई थी, जब 1952 में मौलाना आज़ाद को हारने के बावजूद जिताया गया।” उन्होंने इंदिरा गांधी के समय सरकारी तंत्र के दुरुपयोग और सोनिया गांधी की नागरिकता को लेकर भी कांग्रेस के इतिहास पर सवाल खड़े किए।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि 1984 के बाद से कांग्रेस का जनाधार लगातार गिरता गया है और 2014 में यह ऐतिहासिक रूप से न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। अब जब कांग्रेस चुनाव हारती है तो वे ईवीएम, चुनाव आयोग और वोटिंग प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करती है, जबकि जीतने पर सब कुछ सही लगता है।

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए राठौड़ ने कहा कि बार-बार ईवीएम और वोट चोरी का राग अलापना उनकी निराशा और खोते जनाधार का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि बिना आधार के आरोप न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं का, बल्कि जनता का भी अपमान हैं।

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस नेता कभी “मोदी सरनेम” को लेकर टिप्पणी कर जेल जाते हैं, कभी वरिष्ठ नेताओं की माताजी के लिए अशोभनीय टिप्पणी करते हैं, कभी मिमिक्री करके अपनी हताशा दिखाते हैं। यह सब कांग्रेस की विक्षिप्त मानसिकता और खत्म होते जनाधार का संकेत है।

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