Thursday, 18 December 2025

जयपुर में देवकीनंदन ठाकुर का संदेश: “धर्म रील्स से नहीं, रियल जीवन से बचेगा”—मोबाइल को बताया ‘नाश पिटारा’


जयपुर में देवकीनंदन ठाकुर का संदेश: “धर्म रील्स से नहीं, रियल जीवन से बचेगा”—मोबाइल को बताया ‘नाश पिटारा’

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जयपुर। मानसरोवर स्थित बीटी रोड मेला ग्राउंड में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन प्रख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने आधुनिक डिजिटल आदतों पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि आजकल लोगों में “फोटो खींचने और रील बनाने की बीमारी” बढ़ती जा रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि धर्म रील्स से नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन (रियल) से बचता और पनपता है। भक्तों को सावधान करते हुए उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग भक्ति को कमजोर कर रहा है।

ठाकुरजी ने कहा कि आज का समय “रील्स का जमाना” बन गया है—लोग पूरी कथा सुनने की जगह दो मिनट की क्लिप देखकर ही सब समझ लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “रील्स से न भक्ति बढ़ेगी और न कल्याण होगा। जो लोग रील्स का त्याग कर वास्तविक जीवन में गोविंद को अपना लेते हैं, उनका कल्याण निश्चित है।”

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि कोई सोचता है कि कुछ दिनों की रील्स से सब ठीक हो जाएगा, तो यह गलतफहमी है। “दुनिया वाले तो रील देख लें, लेकिन गोविंद रील नहीं, पूरी फिल्म देखते हैं—कि आपने जीवन में क्या किया है।”

देवकीनंदन ठाकुर ने मोबाइल फोन को “नाश पिटारा” बताते हुए कहा कि यह संस्कृति, रिश्तों और भावनाओं का सबसे बड़ा शत्रु बनता जा रहा है।
उन्होंने कहा, “मोबाइल ने संस्कृति का नाश कर दिया, कल्चर का नाश कर दिया और रिश्तों का भी नाश कर दिया है। परिवारों में दूरियाँ और मन में खालीपन मोबाइल की ही देन है।”

कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं को देते हुए उन्होंने एक विशेष संदेश कहा— “नो रील, ओनली रियल। हिंदू दिखो मत, हिंदू बनो। सनातनी दिखो मत, सनातनी बनो।” मानसरोवर के बीटी रोड मेला ग्राउंड में आयोजित यह सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा 21 दिसंबर तक चलेगी, जिसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर कथा श्रवण कर रहे हैं।

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