Sunday, 14 September 2025

कैमरा विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत का हमला, बोले— विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की जासूसी कराना बड़ा क्राइम, जांच होनी चाहिए


कैमरा विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत का हमला, बोले— विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की जासूसी कराना बड़ा क्राइम, जांच होनी चाहिए

जयपुर। विधानसभा में विपक्ष की तरफ अतिरिक्त कैमरे लगाए जाने के विवाद ने और तूल पकड़ लिया है। अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर सीधा हमला बोला है।

गहलोत ने आरोप लगाया कि दो एक्स्ट्रा कैमरे लगाकर उसका कंट्रोल सिस्टम विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में रखा गया है, जिसे केवल विधानसभा अध्यक्ष या उनका निजी सचिव ही देख सकता है। उन्होंने इसे “बहुत बड़ा क्राइम और गंभीर मामला” करार देते हुए कहा कि इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कहा कि विपक्ष की तरफ कैमरे लगाने का स्पीकर को कोई अधिकार नहीं है। विपक्षी नेता आपस में क्या चर्चा कर रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंच रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह सदन की मर्यादा के खिलाफ है।

पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा में कैमरे पहले से होते हैं, जिनसे बहस का सीधा प्रसारण जनता तक पहुंचता है। लेकिन सदन स्थगित (Adjourn) होने के दौरान सदस्य आपस में अनौपचारिक बातचीत करते हैं। चाहे कांग्रेस हो या भाजपा, इस दौरान कई बार हंसी-मजाक और जुमले भी कहे जाते हैं। “क्या आप उन जुमलों को आधिकारिक प्रोसीडिंग मानेंगे और उस आधार पर किसी सदस्य की योग्यता पर सवाल उठाएंगे?” गहलोत ने सवाल किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से विपक्षी विधायकों पर अनुचित टिप्पणी और कार्रवाई की स्थिति बनाई गई, जो पूरी तरह गलत है। गहलोत ने कहा कि सदन में ऐसा माहौल बनाना उचित नहीं है और इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गवर्नर को जांच करानी चाहिए कि ये कैमरे क्यों लगाए गए और इनका भुगतान किसने किया।

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