



जयपुर। भाजपा राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल को और अधिक सशक्त बनाने तथा रोजगार सेवाओं के विस्तार को लेकर संसद में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे। सांसद राठौड़ के सवालों के जवाब में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनसीएस पोर्टल देश के युवाओं और नियोक्ताओं के लिए एक प्रभावी, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम मंच बनकर उभरा है। 20 नवंबर 2025 तक इस पोर्टल पर 8.17 करोड़ से अधिक रिक्तियां दर्ज की गई हैं, जिनके माध्यम से 2.1 करोड़ से अधिक रोजगार अवसर प्रदान किए जा चुके हैं। यह उपलब्धि सरकार की रोजगारोन्मुखी और डिजिटल अप्रोच का सशक्त प्रमाण है।
मदन राठौड़ ने कहा कि मोदी सरकार ने रोजगार विस्तार के लिए सार्वजनिक–निजी भागीदारी को विशेष प्राथमिकता दी है। इसी दिशा में स्विगी, जोमैटो, अमेज़न, ज़ेप्टो सहित 25 से अधिक प्रमुख निजी प्लेटफॉर्म के साथ समझौते किए गए हैं, जिनसे राजस्थान समेत पूरे भारत में गिग और प्लेटफ़ॉर्म आधारित रोजगार के नए आयाम विकसित हुए हैं। इससे स्थानीय स्तर पर भी बड़ी संख्या में युवाओं को रोज़गार मिल रहा है।
एनसीएस पोर्टल केवल नौकरी खोजने का माध्यम नहीं, बल्कि करियर काउंसलिंग और व्यावसायिक मार्गदर्शन का भी बड़ा प्लेटफॉर्म बन गया है। देशभर में 1182 से अधिक करियर काउंसलर इसके साथ जुड़े हैं और अब तक 55 लाख से अधिक ऑनलाइन–ऑफलाइन मार्गदर्शन सत्र आयोजित हो चुके हैं। इनमें से 2.3 लाख से अधिक सत्र राजस्थान में आयोजित किए जाना दर्शाता है कि राज्य के युवाओं को विशेष लाभ मिल रहा है।
सांसद राठौड़ ने बताया कि एनसीएस पोर्टल को ई-श्रम पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है, जिससे गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म आधारित कामगारों सहित 31 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों को रोजगार सेवाओं का सीधा फायदा मिल रहा है। यह कदम मोदी सरकार की समावेशी विकास नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हर वर्ग को रोजगार और कौशल से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि रोजगार, कौशल विकास और डिजिटल सशक्तिकरण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट है और यह आगामी समय में करोड़ों युवाओं के लिए नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगी।