



राजस्थान में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के तहत वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट तैयार कर जारी कर दिया गया है। निर्वाचन विभाग ने बताया कि इस ड्राफ्ट लिस्ट में 41.85 लाख वोटर्स के नाम हटाए गए हैं। हटाए गए नामों की श्रेणियों में एब्सेंट (अनुपस्थित), शिफ्टेड (स्थानांतरित), डेड (मृत), और डुप्लीकेट/ऑलरेडी एनरोल्ड शामिल हैं। यह ड्राफ्ट लिस्ट अब निर्वाचन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है, जहां मतदाता अपने नाम की स्थिति देख सकते हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि जिन वोटरों के नाम हटाए गए हैं, उन्हें अलग से कोई नोटिस नहीं भेजा जाएगा। हालांकि यदि किसी मतदाता को आपत्ति है, या उसका नाम गलत तरीके से हटाया गया है, तो वह आवश्यक दस्तावेजों के साथ दावा (Form-6) पेश कर अपना नाम फिर से जोड़वा सकता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि हटाए गए नामों में वे लोग शामिल हैं जो स्थायी रूप से दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, या जिनका नाम दो जगह दर्ज था।
निर्वाचन विभाग के अनुसार करीब 11 लाख वोटर्स ऐसे हैं जिनकी मैपिंग पूरी नहीं हो सकी। इन लोगों के नाम पिछली SIR लिस्ट में नहीं थे और वे आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं कर पाए थे। ऐसे सभी मतदाताओं को एसडीएम स्तर पर नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस मिलने के बाद वे दस्तावेज प्रस्तुत कर अपने नाम बचा सकेंगे।
सीईओ नवीन महाजन ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि लोगों को वोटर लिस्ट में अपना नाम जांचने के लिए जागरूक किया जाए। यदि ड्राफ्ट लिस्ट में नाम नहीं है, तो संबंधित व्यक्ति फॉर्म-6 और घोषणा-पत्र भरकर नाम जुड़वा सकता है।
इसके साथ ही, वे युवा मतदाता जो 1 अप्रैल 2026, 1 जुलाई 2026 और 1 अक्टूबर 2026 तक 18 वर्ष के हो जाएंगे, उन्हें भी एडवांस फॉर्म-6 भरकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
SIR के नियमों के अनुसार, ड्राफ्ट लिस्ट से नाम हटाने से पहले संबंधित एसडीएम और तहसीलदार द्वारा सुनवाई की प्रक्रिया पूरी करनी होगी और लिखित आदेश जारी करना होगा। इस आदेश के खिलाफ संबंधित मतदाता कलेक्टर और उसके बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर भी अपील कर सकेंगे। राज्य में इस बड़े स्तर के पुनरीक्षण का उद्देश्य आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची को एकदम शुद्ध और सटीक बनाना है।