जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। इस हमले के बाद जैसलमेर से गए भाटिया समाज के 32 सैलानी, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, पहलगाम के एक होटल में फंसे हुए हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के चलते सभी सैलानियों के चेकआउट पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिससे ये सभी लोग होटल में ही रुके रहने को मजबूर हैं।
घटनास्थल से सिर्फ 4 किमी दूर थे जैसलमेर के सैलानी
सैलानियों ने बताया कि जब हमला हुआ, तब वे सभी घटनास्थल से महज 3–4 किलोमीटर दूर एक टूरिस्ट पॉइंट पर थे। जैसे ही उन्हें आतंकी हमले की सूचना मिली, तुरंत होटल की ओर रवाना हुए। रास्ते में दुकानें बंद होने लगीं, चेकिंग बढ़ गई और आसमान में हेलीकॉप्टरों की हलचल से माहौल और डरावना हो गया।
गुलमर्ग रवाना होना था, पर फंसे रह गए
सैलानियों ने बताया कि उन्हें आज पहलगाम से गुलमर्ग के लिए रवाना होना था, लेकिन चेकआउट पर रोक के कारण वे होटल से निकल नहीं सके। फिलहाल प्रशासन की ओर से सख्त सुरक्षा निर्देश लागू हैं और घाटी में बंद का माहौल है। उनकी फ्लाइट दिल्ली के लिए चार दिन बाद है, लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए वह भी अनिश्चित लग रही है।
हमले से एक दिन पहले घूमे थे बाईसरन वैली
सैलानी अर्पण और हितेश ने बताया कि सोमवार को वे उसी बाईसरन वैली में मौजूद थे, जहां मंगलवार को हमला हुआ। उन्होंने बताया कि वे कई घंटे वहीं रहे, नाश्ता भी किया और इलाके का लुत्फ उठाया। हमले की खबर ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया है।