नई दिल्ली।पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौता स्थगित करने का फैसला किया है। इस फैसले को लागू करने के लिए शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल भी मौजूद रहे।
बैठक के बाद जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि पाकिस्तान को एक भी बूंद पानी नहीं मिलेगा। इसके लिए सरकार ने तीन चरणों में रणनीति बनानी तय की है। हालांकि इन तीन चरणों की विस्तृत जानकारी अभी साझा नहीं की गई है। पाटिल ने कहा कि भारत अब पाकिस्तान को पानी की एक भी बूंद देने का इच्छुक नहीं है और इसके लिए सुनियोजित ढंग से आगे बढ़ा जाएगा।
सिंधु जल समझौते को 23 अप्रैल को स्थगित करने का फैसला किया गया था। यह कदम कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया, जिसमें 27 पर्यटकों की जान गई थी।
इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में कहा कि, “हम कभी भी सिंधु जल समझौते के पक्ष में नहीं थे। यह समझौता जम्मू-कश्मीर के हितों के खिलाफ था और इससे प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है। भारत सरकार ने जो कदम उठाया है, वह स्वागत योग्य है।”
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता अब तक कायम था, जिसमें भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) और पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का उपयोग करने का अधिकार दिया गया था। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं और भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जल कूटनीति का सख्त रुख अपनाया है।