जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले को लेकर केंद्र सरकार ने गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सुरक्षा में चूक की बात स्वीकार की। इस बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि गृह मंत्रालय और आईबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने मीटिंग में विपक्ष को सुरक्षा व्यवस्था में हुई कमियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
रिजिजू ने कहा कि हमने सभी दलों को वस्तुस्थिति से अवगत कराया है। हम यह स्वीकार करते हैं कि इस घटना में कुछ चूक हुई है, जिसकी समीक्षा की जा रही है।"
बैठक में शामिल राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार, अकाली दल, टीएमसी और वाम दलों समेत कई विपक्षी नेताओं ने सरकार के साथ खड़े होने का भरोसा दिलाया।
राहुल गांधी ने बैठक के बाद कहा कि हम हर जरूरी कदम में सरकार के साथ हैं। आतंकवाद के खिलाफ देश को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए। हमलावरों और उनके मददगारों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए।”
बैठक में विपक्षी नेताओं ने यह भी मांग की कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी कैंपों को नष्ट किया जाए और कश्मीर में सुरक्षाबलों की उपस्थिति को और मजबूत किया जाए।
इस 2 घंटे लंबी बैठक में सबसे पहले पहलगाम हमले में मारे गए 26 नागरिकों को श्रद्धांजलि दी गई। दो मिनट का मौन रखा गया। मृतकों में 1 नेपाली नागरिक और अन्य विभिन्न राज्यों से आए पर्यटक शामिल थे।
बैठक के मुख्य बिंदु:
सरकार ने मानी सुरक्षा में खुफिया इनपुट की चूक
विपक्ष ने कहा: हम सरकार के साथ हैं, आतंक के खिलाफ कठोर कदम उठाएं
आतंकी लॉन्चपैड्स पर सर्जिकल एक्शन की मांग
हमले के शिकारों को पूर्ण मुआवजा और परिजनों को सहायता की सिफारिश