जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) में जारी नेतृत्व परिवर्तन और विवाद के बीच पूर्व कन्वीनर जयदीप बिहाणी ने वर्तमान संयोजक दीनदयाल कुमावत के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बिहाणी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी इस्तीफा नहीं दिया, बल्कि उन्हें हटाया गया है क्योंकि वे "खेल मंत्री की कठपुतली" बनकर काम नहीं करना चाहते थे।
बिहाणी ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि, “RCA एक स्वायत्त संस्था है, न कि किसी की निजी मिल्कियत। आज जो फैसले एडहॉक कमेटी ने रद्द किए हैं वे सभी निर्णय हमने RCA की AGM (Annual General Meeting) में लिए थे, जिन पर 18 सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। ऐसे में किसी एकपक्षीय कमेटी द्वारा उन फैसलों को खारिज करना RCA के संविधान का उल्लंघन है।”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर उनके कार्यकाल में लिए गए वैध निर्णयों को निरस्त करने का प्रयास किया गया तो वे इसके खिलाफ हाईकोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। बिहाणी ने आरोप लगाया कि मौजूदा कमेटी सरकार के इशारों पर काम कर रही है और RCA को राजनीति का अड्डा बनाया जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
जयदीप बिहाणी ने कहा – मैंने इस्तीफा नहीं दिया, मुझे हटाया गया।
RCA में लिए गए निर्णय AGM में विधिवत पारित हुए, 18 सदस्यों के हस्ताक्षर मौजूद।
RCA किसी की निजी संस्था नहीं, संविधान से चलता है।
एडहॉक कमेटी द्वारा फैसलों को रद्द करना नियमों के विपरीत।
बिहाणी बोले – “सरकार RCA को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है, लेकिन मैं कठपुतली नहीं बनूंगा।”
फैसलों की निरस्तीकरण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की चेतावनी।
बिहाणी के इस बयान के बाद RCA की नई कमेटी और पूर्व नेतृत्व के बीच तनातनी और भी तेज हो गई है। अब देखना यह होगा कि RCA की आंतरिक राजनीति और प्रशासनिक संरचना में यह खींचतान किस ओर जाती है।