



अजमेर जिला परिषद ने रूपनगढ़ ग्राम पंचायत में हुए बड़े आर्थिक घपले पर कड़ा कदम उठाते हुए पूर्व सरपंच भगवानदास लखन और तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी मांगीलाल माली से 1 करोड़ 45 लाख 76 हजार 837 रुपए की वसूली का आदेश जारी किया है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रामप्रकाश द्वारा किशनगढ़ पंचायत समिति के BDO को भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि जांच में यह स्पष्ट पाया गया कि दोनों अधिकारियों ने ग्राम पंचायत की बहुमूल्य जमीनों को तत्कालीन DLC दरों से काफी कम कीमत पर बेचा, जिससे ग्राम पंचायत को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। इस नुकसान की भरपाई अब दोनों जिम्मेदार अधिकारियों की व्यक्तिगत जेब से की जाएगी।
CEO ने अपने आदेश में यह भी निर्देश दिया है कि ग्राम विकास अधिकारी मांगीलाल माली के खिलाफ CCA नियम-16 के तहत विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए। साथ ही वर्ष 2015 से अब तक जारी सभी पट्टों की गहन जांच का आदेश दिया गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं और भी अनियमितताएं तो नहीं हुईं। पट्टा बुक के दुरुपयोग को रोकने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश भी दिए गए हैं।
गौरतलब है कि इस मामले में पूर्व सरपंच भगवानदास लखन को पहले ही पंचायतीराज विभाग द्वारा दोषी माना जा चुका है। उन्हें धारा-38 के तहत 5 वर्ष के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया गया था। इसके अलावा दो अन्य ग्राम विकास अधिकारियों पर भी इसी मामले में CCA नियम-16 के तहत विभागीय कार्रवाई हो चुकी है।
जिला परिषद के इस कठोर कदम से स्पष्ट संदेश गया है कि रूपनगढ़ ग्राम पंचायत में हुए करोड़ों के घपले की भरपाई अब सीधे पूर्व सरपंच और दोषी अधिकारियों की जेब से होगी। यह मामला पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।