



राजस्थान के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में प्रिंसिपल व अधीक्षकों द्वारा घर या क्लिनिक पर निजी प्रैक्टिस करने पर लगी रोक के आदेश को लेकर स्वास्थ्य विभाग में मचे हंगामे ने नया मोड़ ले लिया है। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि इस आदेश को डॉक्टरों की सहमति और राय लेने के बाद ही लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो से तीन दिन में डॉक्टरों से समय लेकर विस्तृत चर्चा की जाएगी, उसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
जयपुर में सोमवार को एक साथ 12 हॉस्पिटल सुपरिंटेंडेंट्स के इस्तीफे के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में हलचल मच गई थी। इसके बाद मंगलवार को SMS मेडिकल कॉलेज में मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, मेडिकल एजुकेशन सचिव अंबरीश कुमार, कॉलेज प्रशासन और वरिष्ठ डॉक्टरों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मंत्री ने डॉक्टरों की चिंताओं को सुना और सुझाव मांगे।
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि एक समिति का गठन किया जाएगा, जो निजी प्रैक्टिस से जुड़े नियमों, डॉक्टरों के कार्यभार, सेवा शर्तों और मेडिकल सेवाओं की गुणवत्ता पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। यह समिति सभी पक्षों से बातचीत कर सरकार को अंतिम सिफारिश देगी।
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि सरकार किसी भी निर्णय को थोपने के पक्ष में नहीं है। पहले डॉक्टरों का पक्ष सुना जाएगा, उनकी समस्याओं को समझा जाएगा और फिर संतुलित एवं व्यावहारिक निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि चिकित्सा सेवाओं को प्रभावित किए बिना ही आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी।