सीकर।केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जयपुर के जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (JECC) में नए आपराधिक कानूनों पर राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति संजीव प्रकाश शर्मा भी मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से पूरे प्रदेश में किया गया। पंचायत समिति पिपराली में भी स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी और आमजन बड़ी संख्या में एकत्र होकर केंद्रीय गृह मंत्री के उद्बोधन को लाइव सुना।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि देश की न्याय व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, आधुनिक, त्वरित और जन-केंद्रित बनाने के उद्देश्य से तीन नए आपराधिक कानून — भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इन कानूनों से देश की न्याय प्रणाली अब दंड आधारित दृष्टिकोण से आगे बढ़कर न्याय आधारित व्यवस्था की ओर अग्रसर होगी। शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की न्याय व्यवस्था में यह सबसे बड़ा परिवर्तन है, जो जनता को न्याय के साथ-साथ सुरक्षा और अधिकारों की गारंटी भी देगा।
पिपराली पंचायत समिति में आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने गृह मंत्री के संबोधन को अत्यंत प्रेरणादायी बताया।स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों से ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर न्याय सुलभ और त्वरित होगा। कार्यक्रम में अधिकारियों ने बताया कि नए कानूनों को लेकर जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि आमजन को इनकी जानकारी सरल भाषा में दी जा सके।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने इस परिवर्तन को भारत की न्याय प्रणाली में नए युग की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा प्रस्तुत यह दृष्टिकोण “दंड से न्याय की ओर” भारत को एक सशक्त और संवेदनशील राष्ट्र बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।