जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितम्बर से शुरू होने वाले सेवा पखवाड़ा को लेकर भाजपा ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। प्रदेश नेतृत्व ने सभी जिलों से इस अभियान की सफलता रिपोर्ट लेने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही कार्यशालाओं और आयोजनों में सांसद, विधायक और पदाधिकारियों की अनिवार्य मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी की जा रही है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रदेशस्तरीय कार्यशाला में प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल की नाराजगी के बाद भाजपा नेतृत्व ने सेवा पखवाड़े की गतिविधियों को लेकर गंभीर रुख अपनाया है। बताया जा रहा है कि जिलों की टीमें अब अभियान में अव्वल आने के लिए अपनी-अपनी रणनीतियां तैयार करने में जुट गई हैं।
सेवा पखवाड़े में होने वाले आयोजन
इस अभियान के दौरान रक्तदान शिविर, स्वच्छता अभियान, स्वास्थ्य शिविर, प्रबुद्ध वर्ग संवाद, वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा, दिव्यांग सम्मान समारोह, सांसद खेलकूद प्रतियोगिताएं और गांधी जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसके अलावा नमो मैराथन, प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व पर संगोष्ठियां, दीनदयाल जयंती पर वृक्षारोपण, विशिष्ट व्यक्तियों का सम्मान, चित्रकला प्रतियोगिता, आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान और जीएसटी नए संशोधन पर जनजागरूकता कार्यक्रम भी किए जाएंगे।
अनुपस्थित नेताओं को नोटिस मिलेगा
प्रदेश स्तर पर 11 सितम्बर को हुई कार्यशाला में सांसदों और विधायकों की कम उपस्थिति पर प्रदेश प्रभारी ने नाराजगी जताई। कार्यशाला में 14 में से केवल 8 सांसद, 118 में से 72 विधायक, 11 सांसद प्रत्याशियों में से 8 और 82 विधायक प्रत्याशियों में से केवल 42 ही उपस्थित हुए। इसी तरह, 8 जिलाध्यक्ष और 13 पदाधिकारी भी गैरहाजिर रहे।
प्रदेश प्रभारी अग्रवाल ने प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से कहा है कि जो लोग बिना सूचना अनुपस्थित रहे हैं, उनसे लिखित में कारण पूछा जाए।