जयपुर। राजस्थान सरकार ने न्यायिक प्रक्रिया को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में ई-साक्ष्य व्यवस्था लागू कर दी है। यह कदम साक्ष्य संग्रह और न्यायिक कार्यवाही में एक बड़ा बदलाव साबित होगा। नई व्यवस्था के तहत अब ई-साइन युक्त दस्तावेज साक्ष्य के रूप में मान्य होंगे। साथ ही, अनुसंधान अधिकारी को हर केस में बयान का वीडियो तैयार कराना होगा और जांच के दौरान जुटाए गए वीडियो-फोटो को मोबाइल एप के जरिए अपलोड करना होगा।
सरकार के अनुसार, यह कदम जुलाई 2024 से देशभर में लागू नए आपराधिक कानूनों की पालना में उठाया गया है। अब जांच अधिकारी को केवल लिखित बयानों पर निर्भर नहीं रहना होगा, बल्कि वीडियो और फोटो साक्ष्य पर अधिक जोर देना होगा। यह सामग्री कोर्ट में सीधे देखी जा सकेगी, जिससे न्यायिक प्रक्रिया और अधिक विश्वसनीय और तकनीकी रूप से मजबूत बनेगी।
सामुदायिक सेवा की सजा भी लागू
राज्य सरकार ने छोटे-मोटे अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा आधारित सजा का प्रावधान भी लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत दोषियों को अब जेल भेजने के बजाय सामाजिक कार्य करने की सजा दी जा सकेगी। इसमें अस्पताल, शिक्षण संस्थान, वृद्धाश्रम में सेवा देना, पार्कों की सफाई करना, पेड़ लगाना और प्याऊ पर पानी पिलाना जैसे कार्य शामिल होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल अदालतों के बोझ को कम करेगा बल्कि समाज में सकारात्मक संदेश भी देगा। साथ ही, डिजिटल साक्ष्य के उपयोग से जांच और मुकदमे की प्रक्रिया और तेज तथा अधिक प्रभावी हो जाएगी।