जयपुर। राजस्थान में इस साल नगरीय निकाय चुनाव नहीं होंगे। राज्य सरकार की प्रारंभिक तैयारियों में देरी और आयोगों की प्रक्रिया लंबी खिंचने के चलते अब चुनाव अगले वर्ष जनवरी या फरवरी में कराए जाने की संभावना है। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने स्पष्ट किया है कि चुनाव आयोग और ओबीसी आयोग की प्रक्रिया दिसंबर के पहले सप्ताह तक ही पूरी हो पाएगी। इसके बाद भी कम से कम एक माह का समय और चाहिए, जिससे दिसंबर में चुनाव कराना तकनीकी और प्रशासनिक दृष्टि से संभव नहीं होगा।
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि चुनाव आयोग 10 नवंबर तक मतदाता सूची तैयार करेगा। वहीं, ओबीसी आयोग को आंकड़े और डेटा जुटाने में तीन माह लगेंगे, यानी उनका काम दिसंबर के पहले सप्ताह तक ही पूरा होगा। रिपोर्ट आने के बाद आरक्षण प्रक्रिया और लॉटरी की कार्यवाही शुरू होगी। इसके बाद चुनाव की अधिसूचना जारी करने और व्यवस्थाएं बनाने में कम से कम एक माह और लगेगा।
निकायों में प्रशासक नियुक्ति की स्थिति
प्रदेश में अब नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं की कुल संख्या 309 हो गई है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान 196 निकायों के चुनाव हुए थे। इनमें से 49 निकायों और नवगठित निकायों में पहले से ही प्रशासक कार्यरत हैं। दिसंबर तक और 56 निकायों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा, यानी वहां भी प्रशासक नियुक्त करना होगा। यदि चुनाव फरवरी-मार्च तक खिंचते हैं, तो सभी 196 निकायों में ‘शहरी सरकार’ समाप्त हो जाएगी और प्रशासनिक जिम्मेदारी प्रशासकों पर आ जाएगी।
मौजूदा निकायों के कार्यकाल की स्थिति:
49 निकाय: नवंबर 2019 में शुरू, नवंबर 2024 में समाप्त
3 निकाय: अक्टूबर 2020 में शुरू, अक्टूबर 2025 में समाप्त
3 निकाय: नवंबर 2020 में शुरू, नवंबर 2025 में समाप्त
50 निकाय: दिसंबर 2020 में शुरू, दिसंबर 2025 में समाप्त
90 निकाय: जनवरी 2021 में शुरू, जनवरी 2026 में समाप्त
1 निकाय: फरवरी 2021 में शुरू, फरवरी 2026 में समाप्त
इस प्रकार, दिसंबर 2025 तक अधिकांश निकायों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा और चुनाव टलने की स्थिति में प्रदेशभर के शहरी निकायों में प्रशासक ही जिम्मेदारी संभालेंगे।