जयपुर। प्रदेश में हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की महत्वाकांक्षी योजना का असर अब सामने आने लगा है। फैकल्टी की कमी के कारण कई मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) नई दिल्ली ने पिछले तीन साल में फैकल्टी कमी के चलते 23 मेडिकल कॉलेजों पर करीब 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
इन कॉलेजों में 6 सरकारी कॉलेज और 17 राजमेस (राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी) कॉलेज शामिल हैं। NMC ने कॉलेजवार जांच के बाद 2 लाख से लेकर 12 लाख रुपये तक की पेनल्टी लगाई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि फैकल्टी की कमी का सीधा असर मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ता है। जब मेडिकल कॉलेजों में पर्याप्त शिक्षक नहीं होंगे तो छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। इसका परिणाम यह होगा कि आने वाले समय में मरीजों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाएंगी।
मेडिकल शिक्षा सचिव अंबरीष कुमार ने कहा कि एनएमसी ने राजमेस की ओर से संचालित कॉलेजों में फैकल्टी की कमी के कारण जुर्माना लगाया है। हमारा फोकस मेडिकल कॉलेजों में भर्ती करने पर है। दोबारा से भर्ती निकालने की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज खुलने के साथ-साथ फैकल्टी की आवश्यकता भी बढ़ रही है। लेकिन पर्याप्त भर्ती न होने से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। NMC की पेनल्टी ने सरकार और राजमेस दोनों को यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि बिना फैकल्टी भर्ती के मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता पर समझौता स्वीकार्य नहीं है।