अजमेर। गुरुवार देर रात करीब 11:15 बजे अजमेर स्थित बोराज तालाब की पाल टूटने से आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई। तालाब से निकली पानी की तेज धार ने करीब एक हजार घरों को प्रभावित किया। अचानक बढ़े जलस्तर से लोग अपने परिवार सहित छतों पर चढ़कर जान बचाने को मजबूर हुए। तेज बहाव से कई मकान क्षतिग्रस्त भी हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, नगर निगम, एडीए और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और देर रात ही राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। प्रभावित परिवारों को ट्रैक्टर और अन्य वाहनों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इस दौरान कई महिलाएं और बच्चे भयभीत होकर रोने लगे।
शुक्रवार सुबह स्वास्तिक नगर के लोग जलभराव और घरों को हुए नुकसान से नाराज होकर वरुण सागर रोड (फायसागर) पर उतर आए और सड़क जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी मुआवजे की मांग कर रहे थे। मौके पर पहुंची एसडीएम गरिमा नरूला ने आश्वासन दिया कि सर्वे के बाद जो भी मुआवजा तय होगा, सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। आश्वासन के बाद सुबह करीब 10:30 बजे जाम खोल दिया गया।
पाल टूटने से स्वास्तिक नगर, भारत नगर, रावत नगर, ज्योति नगर, एसएस कॉलोनी और फायसागर रोड का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ है। जिला कलक्टर लोक बंधु ने हालात का जायजा लिया और बताया कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है तथा स्थिति नियंत्रण में है।
तालाब की पाल के कमजोर होने और मिट्टी के कटाव की आशंका पहले से जताई जा रही थी। इसी कारण प्रशासन ने गुरुवार दिन में ही स्वास्तिक नगर के 80 मकानों को खाली करवा दिया था। प्रभावित परिवारों के लिए एक सरकारी स्कूल में अस्थायी आश्रय स्थल बनाया गया और राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई।
हाथीखेड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच लालसिंह रावत ने शुक्रवार सुबह जानकारी दी कि स्थिति अब नियंत्रण में है। नगर निगम और एडीए की टीमें मौके पर तैनात हैं। हालांकि स्वास्तिक नगर में अभी भी पानी भरा हुआ है, जिसे मडपंप लगाकर निकाला जा रहा है।