जयपुर। राजस्थान विधानसभा ने गुरुवार को कारखाना (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने सदन में विधेयक प्रस्तुत करते हुए कहा कि कारखाना अधिनियम, 1948 में किए गए इस संशोधन से प्रदेश के श्रमिकों को सीधे लाभ मिलेगा, औद्योगिक उत्पादन और निवेश को बढ़ावा मिलेगा तथा महिला सशक्तीकरण को नई दिशा मिलेगी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि नए प्रावधानों के तहत कारखानों में सप्ताह में अधिकतम कार्य अवधि को बढ़ाया गया है, जिससे उत्पादन और उत्पादकता में इजाफा होगा। अब श्रमिक बिना अंतराल के 6 घंटे तक काम कर सकेंगे और प्रतिदिन 10 घंटे 30 मिनट तक कारखाने में उपस्थित रह सकेंगे। साथ ही, ओवरटाइम की सीमा भी 75 घंटे प्रति तिमाही से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है। इससे मजदूरों की आय बढ़ेगी और राज्य में बाहर से आने वाले श्रमिकों को भी फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस संशोधन से श्रमिक अपने बचे हुए समय को परिवार को समर्पित कर पाएंगे। वहीं, महिलाओं को अपनी सहूलियत के अनुसार रात्रिकालीन कार्य करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते उनकी लिखित सहमति हो। यह कदम महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाएगा और महिला सशक्तीकरण को मजबूती देगा।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि संशोधन विधेयक तैयार करते समय जून 2025 में श्रमिक संगठनों से चर्चा की गई थी और उनके सुझावों को इसमें शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक न केवल श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा बल्कि राज्य में औद्योगिक निवेश और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहित करेगा, जिससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।