Friday, 05 September 2025

विधानसभा में हंगामा:भाजपा-कांग्रेस में स्मार्ट मीटर को लेकर तीखी नोकझोंक, गंदे पानी और राजस्व रिकॉर्ड पर भी उठा विवाद


विधानसभा में हंगामा:भाजपा-कांग्रेस में स्मार्ट मीटर को लेकर तीखी नोकझोंक, गंदे पानी और राजस्व रिकॉर्ड पर भी उठा विवाद

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को सदन का माहौल लगातार गर्म रहा। स्मार्ट मीटर योजना, जालंधर की फैक्ट्रियों से आ रहा गंदा पानी और राजस्व रिकॉर्ड में गलत इंद्राज जैसे मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने रहे। प्रश्नकाल के दौरान करीब 25 मिनट तक स्मार्ट मीटर को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस हुई।

स्मार्ट मीटर पर भाजपा-कांग्रेस में घमासान

कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर से सवाल पूछा कि क्या बिजली कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता को नगर निगम और पंचायत चुनावों को देखते हुए स्थगित किया गया है? यह अस्थायी है या स्थायी तौर पर खत्म कर दिया गया है?

इस पर ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने जवाब देते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के निर्णयों का जिक्र किया। उन्होंने कहा –आरडीएसएस योजना में स्मार्ट मीटर का विकल्प था। राज्य चाहे तो योजना स्वीकार करे या अस्वीकार। कांग्रेस सरकार ने 21 मार्च 2022 को कैबिनेट से अनुमोदन लेकर स्मार्ट मीटर योजना शुरू की।
16 जनवरी 2023 को एएमआईएसपी के लिए टेंडर जारी हुए, जिसमें मीटर की सप्लाई, स्थापना, संधारण और संचालन का प्रावधान शामिल था।28 मार्च 2022 को कांग्रेस सरकार ने केंद्र के आरईसीएल से उपभोक्ता प्रीपेड स्मार्ट मीटर और सिस्टम मीटरिंग के लिए स्वीकृति भी ली।

ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने आंकड़े भी प्रस्तुत किए:

जयपुर डिस्कॉम – 2020-21 में 39,678, 2021-22 में 3 लाख और 2022-23 में 56,501 स्मार्ट मीटर लगाए गए।
अजमेर डिस्कॉम – 2021-22 में 2,067 स्मार्ट मीटर।
जोधपुर डिस्कॉम
– 2021-22 में 1,22,000 स्मार्ट मीटर।

कांग्रेस विधायकों ने इस पर आपत्ति जताई और हंगामा शुरू कर दिया। मंत्री नागर ने कहा कि “आपके कारनामे भी सामने आने चाहिए।” इस पर विपक्ष और ज्यादा आक्रामक हो गया।

जालंधर की फैक्ट्रियों से गंदे पानी का मुद्दा

सूरतगढ़ विधायक डूंगरराम गेदर ने पंजाब की फैक्ट्रियों से आ रहे गंदे पानी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस गंदे पानी से क्षेत्र में बीमारियां फैल रही हैं और लोग कैंसर जैसी बीमारियों से मर रहे हैं।

जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने जवाब दिया कि पंजाब सरकार से एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाने को कहा गया है। रॉ वाटर की हर घंटे जांच होती है और ऑनलाइन रिपोर्टिंग की जाती है।

गेदर ने पूछा कि आखिरी बार पानी की जांच कब हुई? लेकिन स्पीकर ने उन्हें पूरक प्रश्न पूछने से रोक दिया। गेदर ने यह भी आरोप लगाया कि उनके ऑनलाइन प्रश्न में 4 बिंदु थे, लेकिन विधानसभा सचिवालय ने केवल एक ही बिंदु अधूरा भेजा।

राजस्व रिकॉर्ड में गलत इंद्राज पर बहस:

गंगापुर विधायक रामकेश ने प्रदेश के राजस्व रिकॉर्ड, जमाबंदी, नक्शा आदि में गलत इंद्राज का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि श्मशान, सार्वजनिक स्थान, बावड़ी और रास्तों को गलत तरीके से विलोपित कर दिया गया है। इसके चलते आमजन को 40-50 साल तक अदालतों के चक्कर काटने पड़ते हैं।

राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने जवाब दिया कि भू-प्रबंधन विभाग द्वारा सर्वे, री-सर्वे और भू-संक्रिया के माध्यम से राजस्व रिकॉर्ड को अपडेट करने का कार्य जारी है।

दिनभर चली इन बहसों और आरोप-प्रत्यारोप के कारण विधानसभा का माहौल लगातार गर्म रहा। विपक्ष ने सरकार पर सवालों के जवाब टालने का आरोप लगाया, वहीं सरकार ने विपक्ष पर पुराने फैसलों को लेकर निशाना साधा।

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