जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ दो दिवसीय सांसद-विधायक संवाद ने भाजपा की आगामी रणनीति की स्पष्ट झलक दी। मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित इस संवाद में सीएम ने जनप्रतिनिधियों को एक-एक विषय पर नसीहत भी दी और सुझाव भी। यह संवाद पांच चरणों में चला, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने, कामकाज का बखान करने और लगातार जनता के बीच बने रहने पर जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री शर्मा ने मंत्रियों को विधायकों के साथ नियमित जनसुनवाई करने और कलेक्टरों के माध्यम से जनता के कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भाजपा अब पंचायत और निकाय चुनावों की तैयारी मिशन मोड में करेगी। इस दौरान उन्होंने विधायकों और जिला अध्यक्षों से वन-टू-वन मुलाकात भी की और स्पष्ट कहा कि सदन में चर्चा से पहले तैयारी पूरी होनी चाहिए और विधानसभा में सक्रियता दिखनी चाहिए।
मुख्यमंत्री शर्मा ने साफ कर दिया कि पंचायत और निकाय चुनावों में टिकट बंटवारे में कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से पार्टी के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को तवज्जो दें। किसी दबाव में टिकट न दें। यदि कोई नजदीकी नहीं है, लेकिन हकदार है तो उसे प्राथमिकता में रखें।
संवाद के दौरान कई सांसदों और विधायकों ने अधिकारियों की लापरवाही पर खुलकर शिकायतें कीं। कहा गया कि अधिकारी सुनते नहीं, काम नहीं करते और फोन तक नहीं उठाते। इस पर सीएम ने जवाब दिया कि कार्य कलेक्टर के माध्यम से करवाएं और फंड का 20 प्रतिशत स्कूल भवनों पर खर्च करें।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रत्येक जनप्रतिनिधि का सोशल मीडिया रिकॉर्ड लेकर बैठक में पहुंचे। उन्होंने नाम लेकर बताया कि किसने सरकार और पार्टी की योजनाओं को सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाया और कौन पीछे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोस्ट को आगे न बढ़ाने वाले कुछ विधायकों को फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि जब मोदी जी इतने व्यस्त रहकर काम कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते।
मुख्यमंत्री शर्मा ने जनप्रतिनिधियों को सतर्क करते हुए कहा कि सुना है कुछ ड्राइवर विपक्ष से संपर्क रखते हैं और जानकारी लीक कर सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस झूठे नैरेटिव बना सकती है। इसलिए सभी को सतर्क रहना होगा।
संवाद में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, डिप्टी सीएम दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, अरुण चतुर्वेदी, राजेंद्र राठौड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी और सीपी जोशी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।