जयपुर। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी का पर्व इस बार बुधवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म मध्यान्ह काल में हुआ था, इसलिए गणेश पूजा और स्थापना भी इसी समय करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
राजस्थान ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को महागणपति चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन गणेशजी की पूजा वृश्चिक लग्न में करना श्रेष्ठ रहेगा। बुधवार को वृश्चिक लग्न प्रातः 11:13 बजे से लेकर दोपहर 1:45 बजे तक रहेगा। इसी अवधि में गणेश पूजन और गणेश स्थापना करना सबसे उत्तम फलदायी होगा।
गणेश चतुर्थी पर परंपरागत रूप से चंद्र दर्शन निषिद्ध माना जाता है। लेकिन इस बार विशेष योग बन रहा है। डॉ. शास्त्री के अनुसार, इस वर्ष चतुर्थी का चंद्रमा मंगलवार को सूर्यास्त काल में ही रहेगा। बुधवार को अपराह्न 3:45 बजे तक ही चतुर्थी तिथि रहेगी, इसलिए चंद्र दर्शन पर निषेध लागू नहीं होगा। इस कारण श्रद्धालु बुधवार को निश्चिंत होकर चंद्रमा के दर्शन कर सकेंगे।