जयपुर। राजस्थान सरकार के पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने शुक्रवार को अल्बर्ट हॉल, हवामहल और जंतर-मंतर का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने इन ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों को आधुनिक और पर्यटक-अनुकूल रूप देने, संग्रहालयों के प्रदर्शन को जीवंत बनाने तथा प्राचीन कलाकृतियों के वैज्ञानिक संरक्षण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। इस अवसर पर पर्यटन आयुक्त श्रीमती रूकमणी रियाड़, पुरातत्व निदेशक श्री पंकज धरेन्द्र, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
अल्बर्ट हॉल संग्रहालय के निरीक्षण के दौरान यादव ने संग्रहालय की लगभग 18,000 पुरा सामग्री के जीवंत प्रदर्शन हेतु प्रकाश व्यवस्था, डिजिटल डिस्प्ले, और QR कोड आधारित जानकारी को सुदृढ़ करने को कहा। उन्होंने स्टोन बेंच, फूलवारी, सीसीटीवी, और म्यूजियम हिस्ट्री बुक प्रकाशित कराने के निर्देश भी दिए। संग्रहालय की गैलरियों को आकर्षक और ज्ञानवर्धक रूप देने के लिए IGNCA दिल्ली द्वारा किए जा रहे रिस्टोरेशन की सराहना की गई और द्वितीय चरण में संरक्षण कार्य को गति देने के निर्देश दिए।
हवामहल में उन्होंने छतरियों की पेंटिंग्स के संरक्षण, प्रवेश संकेतक (साईनेज) लगाने और आयुर्वेद भवन स्थित स्कल्पचर को टफन ग्लास से कवर करने के निर्देश दिए। उन्होंने हवामहल में पर्यटकों को बेहतर अनुभव देने के लिए प्रदर्शनी कक्षों में आकर्षक पेंटिंग्स या मूर्तियों की व्यवस्था करने को कहा।
जंतर-मंतर निरीक्षण में यादव ने सर्कुलेशन प्लान के अनुरूप साईनेज और दिशा-निर्देश लगाने, पर्यटकों को व्याख्या केंद्र (Interpretation Centre) से भ्रमण शुरू करवाने और ऑडियो-वीडियो माध्यम से जानकारी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाने और गार्डन क्षेत्र को और अधिक आकर्षक बनाने की भी बात कही।
इस निरीक्षण दौरे का उद्देश्य राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का संवर्धन, पर्यटन स्थल पर आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग, और पर्यटक सुविधाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है। उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी द्वारा अल्बर्ट हॉल के जीर्णोद्धार हेतु 25 करोड़ रुपये की राशि पहले ही स्वीकृत की जा चुकी है, जिसकी टेंडर प्रक्रिया चल रही है।