Tuesday, 16 December 2025

राजस्थान में मतदाता सूची का ड्राफ्ट 16 दिसंबर को जारी: 42.29 लाख नाम हटेंगे, 11 लाख वोटरों को 2002 से पहले के दिखाने होंगे दस्तावेज


राजस्थान में मतदाता सूची का ड्राफ्ट 16 दिसंबर को जारी: 42.29 लाख नाम हटेंगे, 11 लाख वोटरों को 2002 से पहले के दिखाने होंगे दस्तावेज

राजस्थान में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम का पहला ड्राफ्ट मंगलवार को जारी किया जाएगा। इसी के साथ यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि प्रदेश के कुल 5.46 करोड़ मतदाताओं में से किन-किन नामों को सूची से हटाया गया है। अब तक हुई वर्किंग के अनुसार राज्यभर में 42 लाख 29 हजार 326 से अधिक वोटर सूची से हटाए जाने वाले हैं। इनमें वे नाम शामिल हैं जो दो जगह दर्ज थे, पलायन कर गए, पता बदल लिया या जिनकी मृत्यु हो चुकी है। ऐसे वोटरों पर किसी तरह का व्यक्तिगत प्रभाव नहीं पड़ेगा, पर वे दो स्थानों पर वोट नहीं दे सकेंगे।

इसके अलावा 11 लाख से अधिक मतदाताओं को 2002 से पहले के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। उनके पास दस्तावेज जमा कराने के लिए एक माह का समय रहेगा। निर्धारित समय में दस्तावेज नहीं देने पर इनके नाम भी हटाए जा सकते हैं। सबसे ज्यादा नाम हटने का मामला जयपुर जिले का है, जहां करीब 7 लाख नाम सूची से हटाए गए हैं। दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने वालों में घुमंतू समाज के लोगों की संख्या सर्वाधिक है, जिनके लिए आयोग विशेष व्यवस्था करेगा।

राज्य के दिग्गज नेताओं के निर्वाचन क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर नाम हटाए गए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सांगानेर क्षेत्र में 63 हजार नाम और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरदारपुरा में 57 हजार नाम निकाले गए। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी के विद्याधर नगर में 57 हजार नाम और उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के दूदू में 14 हजार नाम तथा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के झालरापाटन से 26 हजार नाम हटाए गए।

राजनीतिक रूप से यह प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वर्ष 2023 में जहां बीजेपी कांग्रेस से पौने सात लाख अधिक वोट लाकर सत्ता में आई थी, वहीं 2018 में कांग्रेस ने बीजेपी से पौने दो लाख अधिक वोट हासिल कर सरकार बनाई थी। ऐसे में वोटर लिस्ट में हुए बड़े बदलाव का आगामी चुनावी समीकरणों पर असर संभव है।

SIR के तहत चिह्नित 11 लाख वोटरों का अर्थ है कि प्रति बूथ औसतन 20 से 25 वोटरों को दस्तावेज देने होंगे। वहीं जिन लोगों ने अभी दस्तावेज जमा नहीं किए हैं, उनके नाम सीधे नहीं काटे जाएंगे। ड्राफ्ट पब्लिकेशन में जिनके नाम नहीं होंगे, उन्हें सुनवाई का पूरा अवसर दिया जाएगा।

यदि किसी का नाम पिछली SIR की सूची में है, तो वे प्रमाण देकर नाम जुड़वा सकेंगे। पिछली SIR में नाम नहीं होने की स्थिति में माता-पिता का पिछली सूची में नाम और अपना पहचान पत्र देना अनिवार्य होगा। सुनवाई के बाद भी यदि संबंधित व्यक्ति उपस्थित नहीं होता तो उसका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा।

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