



जयपुर। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में रविवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब सफारी के दौरान कैंटर का पहिया दलदली सफारी ट्रैक पर धंस गया। ड्राइवर और कर्मचारियों के पहिया निकालने के प्रयास शुरू ही हुए थे कि तभी सामने अचानक एक बाघ आ गया। कैंटर में मौजूद करीब 25 टूरिस्ट, जिनमें 7 बच्चे भी शामिल थे, सहमकर अपनी सीटों पर जमे रहे। सभी की सांसें मानों थम-सी गईं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बाघ लगभग 30 मिनट तक कैंटर के बिलकुल सामने एक पत्थर पर बैठा रहा। स्थिति बेहद खतरनाक हो चुकी थी, लेकिन वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचने में देर हो गई। करीब आधे घंटे बाद पहुंची टीम ने पर्यटकों को एक-एक कर कैंटर से उतारकर दूसरे वाहन में सुरक्षित शिफ्ट कराया। इस दौरान बाघ वहीं आसपास मंडराता रहा।
टूरिस्ट उज्ज्वल शर्मा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गाड़ी फंसने के बाद कई बार वन विभाग को कॉल किया, लेकिन काफी देर तक फोन रिसीव नहीं किया गया। उन्होंने कहा:“हद तो तब हो गई जब हमें दूसरी गाड़ी तक पहुँचने के लिए लगभग 20 मीटर तक पैदल लेकर गए। अगर इसी दौरान बाघ हमला कर देता तो क्या होता?” उज्ज्वल ने यह भी कहा कि उन्होंने घटना का वीडियो बनाया था, लेकिन वन विभाग के अफसरों ने उसे डिलीट करवा दिया। बाद में उन्होंने वीडियो रिकवर कराया, जो अब सोशल मीडिया पर सामने आया है।
एसीएफ देवेंद्र राठौड़ ने बताया कि भारी बारिश के कारण सफारी ट्रैक के नीचे का हिस्सा नरम हो गया था और कई जगह दलदली स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि गाड़ी ट्रैक से नीचे उतर गई थी और पर्यटकों को “कॉरिडोर बनाकर” सुरक्षित रूप से दूसरी गाड़ी में शिफ्ट किया गया।
वन विभाग ने दावा किया कि पूरे ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया, हालांकि टूरिस्ट इसका खंडन कर रहे हैं।