Wednesday, 29 October 2025

अंत्योदय का संकल्प धरातल पर: शहरी-ग्रामीण सेवा शिविरों ने बदली लाखों की जिंदगी, सुशासन की नई मिसाल : भजनलाल शर्मा


अंत्योदय का संकल्प धरातल पर: शहरी-ग्रामीण सेवा शिविरों ने बदली लाखों की जिंदगी, सुशासन की नई मिसाल : भजनलाल शर्मा

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार अंत्योदय के लक्ष्य को तेजी से मूर्त रूप दे रही है। “हर व्यक्ति तक सरकारी सेवाओं की सीधी पहुंच” की इसी सोच को साकार करते हुए 17 सितंबर से राज्यभर में आयोजित शहरी सेवा शिविर और ग्रामीण सेवा शिविर सुशासन का अभूतपूर्व मॉडल बनकर उभरे हैं।

इन शिविरों ने 18 विभागों की सेवाओं को एक ही मंच पर उपलब्ध कराते हुए लाखों लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर शुरू होकर “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के सिद्धांतों का प्रतीक बन चुका है।

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि शिविरों ने रिकॉर्ड सेवा प्रदायगी कर जन-सरकार के बीच की दूरी समाप्त कर दी है—

सेवा शिविर उपलब्धियां (17 सितंबर–25 अक्टूबर)

सेवा

उपलब्धि संख्या

पट्टा वितरण

1,99,000+

मंगला पशु बीमा पॉलिसी

2,67,000+

जन्म-मृत्यु/विवाह पंजीयन

1,25,000+

जाति प्रमाण पत्र

2,08,000+

मूल निवास प्रमाण पत्र

1,75,000+

पेंशन सत्यापन

2,00,000+

जनधन खाते

1,51,000+

नई व मरम्मत स्ट्रीट लाइटें

1,42,000+

एनीमिया जांच (किशोरियां/गर्भवती)

17,00,000+

टीबी जांच

10,96,000+

मरीज उपचार

24,84,000+

वय वंदन कार्ड

75,000+

भू-राजस्व शुद्धिकरण प्रकरण

1,56,000+

नामांतरण प्रकरण

1,25,000+

किसान रजिस्ट्री पंजीयन

1,19,000+

खाद्य सुरक्षा पोर्टल निस्तारण

97,000+

स्वनिधि ऋण आवेदन

25,000+


इन शिविरों ने ग्रामीण इलाकों में रजिस्ट्री, पट्टा, गिरदावरी, नामांतरण जैसे राजस्व कार्यों का बोझ कम किया, वहीं शहरी शिविरों में सीवरेज, सड़क, नालों की मरम्मत और आवासीय दस्तावेजों का त्वरित निस्तारण हुआ।

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि इन शिविरों ने प्रशासनिक संवेदनशीलता और पारदर्शिता का ऐसा मॉडल स्थापित किया है, जिससे अंत्योदय का संकल्प प्रत्यक्ष रूप से धरातल पर दिखाई दे रहा है। राज्य सरकार इसे और व्यापक रूप में आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है।

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