



जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार अंत्योदय के लक्ष्य को तेजी से मूर्त रूप दे रही है। “हर व्यक्ति तक सरकारी सेवाओं की सीधी पहुंच” की इसी सोच को साकार करते हुए 17 सितंबर से राज्यभर में आयोजित शहरी सेवा शिविर और ग्रामीण सेवा शिविर सुशासन का अभूतपूर्व मॉडल बनकर उभरे हैं।
इन शिविरों ने 18 विभागों की सेवाओं को एक ही मंच पर उपलब्ध कराते हुए लाखों लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर शुरू होकर “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के सिद्धांतों का प्रतीक बन चुका है।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि शिविरों ने रिकॉर्ड सेवा प्रदायगी कर जन-सरकार के बीच की दूरी समाप्त कर दी है—
इन शिविरों ने ग्रामीण इलाकों में रजिस्ट्री, पट्टा, गिरदावरी, नामांतरण जैसे राजस्व कार्यों का बोझ कम किया, वहीं शहरी शिविरों में सीवरेज, सड़क, नालों की मरम्मत और आवासीय दस्तावेजों का त्वरित निस्तारण हुआ। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि इन शिविरों ने प्रशासनिक संवेदनशीलता और पारदर्शिता का ऐसा मॉडल स्थापित किया है, जिससे अंत्योदय का संकल्प प्रत्यक्ष रूप से धरातल पर दिखाई दे रहा है। राज्य सरकार इसे और व्यापक रूप में आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है।