



जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने शहर के व्यस्त चौराहों और तिराहों पर ट्रैफिक दबाव कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। पुराने सिग्नल पोल हटाकर अब नई डिजाइन के रेट्रोफिट एलईडी इल्यूमिनेशन लाइट पोल लगाए जाएंगे। ट्रैफिक पुलिस ने इस मॉडल का सफल ट्रायल रामबाग चौराहे पर किया था, जिसके बाद जेडीए ने इसे शहरभर में लागू करने का निर्णय लिया है।
अब जयपुर की 21 प्रमुख सड़कों के 46 स्थानों पर ये हाई-टेक सिग्नल पोल लगाए जाएंगे। इन सिग्नलों की विशेषता यह होगी कि वाहन चालक 700 मीटर दूर से ही सिग्नल की स्थिति (ग्रीन/रेड) को देख सकेंगे। पूरे प्रोजेक्ट पर ₹ 1.90 करोड़ की लागत आएगी और इसके लिए जेडीए ने टेंडर जारी कर दिया है। अनुमान है कि अगले 4 से 5 महीनों में ये नई सिग्नल लाइट्स पूरी तरह से इंस्टॉल हो जाएंगी।
अब ऐसे दिखेंगे जयपुर के नए सिग्नल पोल
इन एलईडी सिग्नल पोल की विजिबिलिटी पुरानी लाइट्स की तुलना में कहीं अधिक होगी। 180 सेकंड तक की रेड लाइट अवधि के दौरान पूरा पोल ब्लिंक करेगा, जिससे वाहन चालकों को दूर से ही स्पष्ट दृश्यता मिलेगी।इससे लंबे जाम की समस्या में कमी आने की संभावना है।विशेष रूप से त्रिमूर्ति सर्किल, मोती डूंगरी गणेश मंदिर, 200 फीट बाईपास, आरयू चौराहा, जेडीए चौराहा, अंबेडकर सर्किल, रिद्धि-सिद्धि और वीटी रोड जैसे अत्यधिक व्यस्त स्थानों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
पुरानी लाइट्स की तुलना में कम बिजली खर्च होगी।सभी मौसमों में बेहतर विजिबिलिटी मिलेगी।रखरखाव की लागत घटेगी, सिस्टम अधिक टिकाऊ रहेगा। ऊर्जा खपत कम होने से कार्बन उत्सर्जन घटेगा, जिससे पर्यावरण को भी लाभ होगा।
त्रिमूर्ति सर्किल, मोती डूंगरी, जेडीए चौराहा, ओटीएस, सात नंबर चौराहा, एनआरआई चौराहा, अक्षय पात्र, बॉम्बे हॉस्पिटल, अंबेडकर सर्किल, जय क्लब, सेंट जेवियर, राजमहल टी पॉइंट, नटानियों का चौराहा, 200 फीट बाईपास, गोपालपुरा, त्रिवेणी, रिद्धि-सिद्धि, गुर्जर की थड़ी, वीटी रोड, धोबी घाट सर्किल, दूध मंडी, पीतल फैक्ट्री, 14 नंबर बाईपास, मुरलीपुरा, वैशाली, आम्रपाली, बैंक चौराहा, गवर्नमेंट हॉस्टल, पांच बत्ती, रामनिवास बाग, घाटगेट, गवर्नमेंट प्रेस, विजय पथ, पटेल मार्ग, सांगानेर पुलिया, हल्दी घाटी, नंदपुरी, वनस्थली, क्रॉस मॉल और राष्ट्रपति मैदान चौराहा।