


रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने दो दिवसीय जैसलमेर दौरे के दौरान शुक्रवार को भारतीय सेना की सुरक्षा स्थिति और परिचालन तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लिया, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह और देशभर के सभी कमांडर मौजूद रहे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों की दृढ़ इच्छाशक्ति, अनुशासन और समर्पण भावना की सराहना करते हुए कहा कि “भारतीय सेना विश्व की सबसे अनुकूलनीय सेनाओं में से एक है। मशीन ताकत बढ़ाती है, लेकिन परिणाम देने की शक्ति मानव आत्मा में निहित होती है।”
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअल माध्यम से भारतीय सेना के टेक्नोलॉजी एनेबलर्स का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कोणार्क और फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के एज डेटा सेंटर, सैनिक यात्री मित्र ऐप, इक्विपमेंट हेल्पलाइन और डिफेंस मिलेट डिशेस कॉम्पेंडियम का भी लोकार्पण किया।
जैसलमेर के ऐतिहासिक लोंगेवाला सेक्टर में रक्षामंत्री ने ‘नमन सेंटर’, ‘चांदपुरी हॉल’ और ऑडियो-विजुअल कक्ष का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने तनोट राय माता मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और 1965 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान की ओर से गिराए गए बम भी देखे। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “तनोट माता मंदिर के दर्शन कर मैं स्वयं को गौरवान्वित और कृतार्थ महसूस कर रहा हूं।”
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डायनेमिक कैपेबिलिटी डेमोंस्ट्रेशन एक्सरसाइज का भी अवलोकन किया, जिसमें भैरव बटालियन और अशनि प्लाटून द्वारा नवीनतम तकनीकी संसाधनों के उपयोग का प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कमांडरों को रक्षा कूटनीति, आत्मनिर्भरता, सूचना युद्ध, रक्षा अवसंरचना विकास और बल आधुनिकीकरण पर फोकस करने की सलाह दी।