Saturday, 25 October 2025

अंता उपचुनाव: भाजपा ने चुनाव समिति गठित: दुष्यंत सिंह बने प्रभारी, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वसुंधरा राजे के लिए प्रतिष्ठा की सीट


अंता उपचुनाव: भाजपा ने चुनाव समिति गठित: दुष्यंत सिंह बने प्रभारी, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वसुंधरा राजे के लिए प्रतिष्ठा की सीट

बारां। आगामी अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी चुनाव समिति की घोषणा कर दी है। पार्टी ने झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह, जो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र हैं, को चुनाव प्रभारी बनाया है। अंता विधानसभा क्षेत्र उनके ही लोकसभा क्षेत्र में आता है, ऐसे में संगठन ने चुनाव की कमान उन्हें सौंपी है।

यह उपचुनाव न केवल भाजपा के लिए बल्कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए भी प्रतिष्ठा की लड़ाई माना जा रहा है। पार्टी इस सीट को हर हाल में अपने कब्जे में रखना चाहती है। पार्टी ने कानून मंत्री जोगाराम पटेल को प्रभारी मंत्री, जबकि विधायक श्रीचंद कृपलानी और जिला प्रभारी छगन माहुर को सह प्रभारी नियुक्त किया है।

11 सदस्यीय चुनाव समिति गठित

भाजपा की घोषित समिति में कुल 11 नेता शामिल हैं — इनमें 2 सांसद, 9 विधायक और 2 मंत्री शामिल हैं। राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, महिला विकास राज्यमंत्री मंजू बाघमार, विधायक राधेश्याम बैरवा, विधायक सुरेश धाकड़, विधायक विश्वनाथ मेघवाल, विधायक अनिता भदेल, विधायक प्रताप सिंघवी, विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, विधायक ललित मीणा और पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल शामिल हैं। इन नेताओं को बूथ स्तर तक पहुंचकर जनसंपर्क, संगठन समन्वय और प्रचार गतिविधियों को सशक्त बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।

स्टार प्रचारकों में 40 बड़े नेता

इससे पहले 17 अक्टूबर को बीजेपी ने अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी। इस सूची में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, केंद्रीय मंत्री, प्रदेश सरकार के सभी कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ संगठन पदाधिकारी शामिल हैं। पार्टी रणनीति के अनुसार, मुख्यमंत्री, वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों के नेतृत्व में क्षेत्रवार जोरदार प्रचार अभियान चलाया जाएगा।

अंता सीट पर उपचुनाव बीजेपी के लिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह क्षेत्र झालावाड़-बारां संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जो लंबे समय से वसुंधरा राजे और उनके परिवार का राजनीतिक गढ़ रहा है। पार्टी इस चुनाव को अपने संगठनात्मक एकजुटता और जनसमर्थन की परीक्षा के रूप में देख रही है।

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