Saturday, 25 October 2025

अलवर में हनी ट्रैप गैंग का पर्दाफाश: महिला सहित तीन गिरफ्तार, झूठे बलात्कार केस में फंसाने की धमकी देकर 30 लाख वसूले


अलवर में हनी ट्रैप गैंग का पर्दाफाश: महिला सहित तीन गिरफ्तार, झूठे बलात्कार केस में फंसाने की धमकी देकर 30 लाख वसूले

अलवर जिले में हनी ट्रैप और ब्लैकमेलिंग का बड़ा मामला सामने आया है। शिवाजी पार्क थाना पुलिस ने मात्र 12 घंटे में कार्रवाई करते हुए एक महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने एक व्यक्ति को झूठे बलात्कार के केस में फंसाने की धमकी देकर ₹30 लाख की वसूली की थी। गिरोह पहले भी कई लोगों को इसी तरह ब्लैकमेल कर चुका है।

इलाज के बहाने बुलाया और जाल में फंसा: एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि 22 अक्टूबर को महिला आरोपी शहरुना ने एक व्यक्ति को इलाज के बहाने अपने घर बुलाया। परिवादी जैसे ही आरटीओ ऑफिस के पास पहुंचा, वहां पहले से मौजूद वसीम खान उर्फ मूसा और प्रियांशु चौधरी उर्फ गोधू ने उसे जबरन बंधक बना लिया।

कमरे में ले जाकर आरोपियों ने पीड़ित से मारपीट कर उसके कपड़े फाड़ दिए और महिला के साथ उसकी आपत्तिजनक फोटो व वीडियो बना ली। इसके बाद उन्होंने ₹ 30 लाख नहीं देने पर झूठे बलात्कार केस में फंसाने की धमकी दी। घबराए पीड़ित से आरोपियों ने नकद राशि और सामान भी छीन लिया और उसे सड़क किनारे फेंक दिया।

12 घंटे में गिरफ्त में आए आरोपी: मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी सुधीर चौधरी ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। थानाधिकारी शिवाजी विनोद सामरिया और विजय मंदिर थानाधिकारी भरतलाल के नेतृत्व में विशेष पुलिस टीमें बनाई गईं।पुलिस ने आसूचना व तकनीकी इनपुट के आधार पर सिर्फ 12 घंटे में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस टीम ने प्रियांशु उर्फ गोधू को पकड़ने के लिए दबिश दी, तो पता चला कि उसने पहचान छिपाने के लिए सिर मुंडवा लिया था।

गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी: वसीम खान उर्फ मूसा मेव (18) निवासी विजय मंदिर,प्रियांशु चौधरी उर्फ गोधू (21) निवासी एनईबी, अलवर,महिला आरोपी शहरुना (33) — जिसने दो शादियां की हुई हैं । पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त मोबाइल फोन और पीड़ित का सोने का लॉकेट भी बरामद किया है।

मुख्य आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड लंबा:प्रियांशु चौधरी उर्फ गोधू का आपराधिक इतिहास बेहद लंबा है। उसके खिलाफ पहले से मारपीट, धमकी और SC/ST एक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह लोगों को फंसाने और उनसे वसूली करने का संगठित नेटवर्क चला रहा था।

Previous
Next

Related Posts