जयपुर। राजस्थान में कोचिंग संस्थानों की कार्यप्रणाली, छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को लेकर राज्य सरकार अब सख्त रुख अपनाने जा रही है। इसी सिलसिले में उच्च शिक्षा विभाग की एक अहम बैठक 28 अक्टूबर को जयपुर में आयोजित की जाएगी, जिसमें ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर अधिनियम-2025’ को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए नियम, प्रावधान और दिशा-निर्देशों पर मंथन किया जाएगा।
इस अधिनियम के तहत राज्यभर के सभी कोचिंग संस्थानों को सरकारी पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा। इसके साथ ही छात्रों पर अनुचित दबाव, ओवरटाइम क्लासेज, परिणाम-आधारित भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न जैसी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उच्च शिक्षा सचिव करेंगे बैठक की अध्यक्षता: बैठक की अध्यक्षता उच्च शिक्षा विभाग के सचिव मुकेश शर्मा करेंगे। इसमें जिला कलक्टर, शिक्षा बोर्ड, पुलिस विभाग, मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों और प्रमुख कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। बैठक में प्रदेशभर के कोचिंग सेंटरों के लिए समान नीति और निगरानी व्यवस्था तैयार करने पर सहमति बनने की उम्मीद है।
अधिनियम के प्रमुख प्रावधान: राजस्थान कोचिंग सेंटर अधिनियम-2025 के तहत—सभी कोचिंग संस्थानों को लाइसेंसिंग एवं पंजीकरण प्रक्रिया से गुजरना होगा। संस्थानों को फीस संरचना, क्लास आवर्स, और परिणाम मूल्यांकन प्रणाली में पारदर्शिता रखनी होगी। छात्रों पर शैक्षणिक दबाव या मानसिक उत्पीड़न की स्थिति में सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।कोचिंग सेंटरों में काउंसलिंग सेल और मानसिक स्वास्थ्य सहायता केंद्र अनिवार्य रूप से स्थापित किए जाएंगे। फायर सेफ्टी, हॉस्टल सुविधाओं, महिला सुरक्षा और CCTV निगरानी को भी नियमों में शामिल किया जाएगा।
मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर जोर: बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा कि कोचिंग संस्थानों में नियमित काउंसलिंग सत्र, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की नियुक्ति और आपातकालीन सहायता केंद्र (Help Desk) अनिवार्य किए जाएं। इसके अलावा, कोचिंग भवनों में फायर सेफ्टी, सेफ एग्जिट, छात्रावासों में सुरक्षा प्रोटोकॉल और महिला विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित परिवेश सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे।
नवंबर में आएगा अधिनियम का प्रारूप: बैठक के बाद उच्च शिक्षा विभाग अधिनियम के प्रारूप नियमों का मसौदा तैयार करेगा, जिसे नवंबर के पहले सप्ताह तक सार्वजनिक किया जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार की मंजूरी के उपरांत ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर अधिनियम-2025’ औपचारिक रूप से लागू कर दिया जाएगा।
कोटा सहित कई शहरों में घटनाओं के बाद बढ़ा दबाव: पिछले कुछ वर्षों में कोटा, जयपुर, उदयपुर और सीकर जैसे शहरों में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या और मानसिक तनाव के मामलों में तेजी आई है।सरकार पर लगातार फीस नियंत्रण, पारदर्शिता और छात्र सुरक्षा के लिए कानून लागू करने का दबाव था। हाल ही में विधानसभा में प्रस्तुत कोचिंग अधिनियम के प्रारंभिक मसौदे को कई बिंदुओं पर अधूरा बताया गया था। अब उच्च शिक्षा विभाग की यह बैठक उसी अधिनियम को व्यावहारिक और लागू करने योग्य रूप देने की दिशा में कदम है।