Saturday, 25 October 2025

अंता उपचुनाव: वसुंधरा राजे से मुख्यमंत्री और भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ की मुलाकात, टिकट चयन में राजे की राय को महत्व देने के संकेत


अंता उपचुनाव: वसुंधरा राजे से मुख्यमंत्री और भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ की मुलाकात, टिकट चयन में राजे की राय को महत्व देने के संकेत

जयपुर। राजस्थान की राजनीति में अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान तीनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक उपचुनाव की रणनीति और संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा हुई।

बैठक का एजेंडा: टिकट पर समन्वय

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में अंता उपचुनाव को लेकर टिकट चयन पर विस्तृत मंथन हुआ। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मुलाकात के करीब एक घंटे बाद निकल गए, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ वसुंधरा राजे के साथ आधा घंटा और रुके रहे।

मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में राठौड़ ने कहा कि हमारे यहां टिकट सर्वे के आधार पर दिया जाता है। समन्वय के आधार पर टिकट देंगे और चुनाव जीतेंगे।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि टिकट चयन में राजे की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा।

एक ही गाड़ी से पहुंचे दोनों नेता

इससे पहले मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के बीच सीएमआर में लंबी चर्चा हुई। इसके बाद दोनों नेता एक ही गाड़ी से राजे के आवास पहुंचे। राजनीतिक हलकों में इसे बड़ा संकेत माना जा रहा है कि पार्टी अंता उपचुनाव में राजे की राय को अहमियत देना चाहती है।

क्यों अहम है अंता सीट?

अंता विधानसभा सीट वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह के लोकसभा क्षेत्र में आती है। हाड़ौती अंचल को वसुंधरा राजे का राजनीतिक गढ़ माना जाता है। ऐसे में अंता का उपचुनाव न केवल भाजपा की जीत बल्कि राजे की राजनीतिक प्रतिष्ठा से भी जुड़ा हुआ है। यही वजह है कि पार्टी प्रत्याशी घोषित करने में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।

इस मुलाकात ने भाजपा में अंता टिकट को लेकर जारी अंदरूनी खींचतान को और रोचक बना दिया है। जानकारों का मानना है कि टिकट चयन में वसुंधरा राजे की सहमति को निर्णायक महत्व दिया जा सकता है, ताकि हाड़ौती अंचल में पार्टी का संगठन और अधिक मजबूती से एकजुट होकर चुनाव लड़े।

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