अजमेर। वैशाली नगर स्थित प्रेम प्रकाश आश्रम, चौरसिया वास रोड पर चल रही श्री देवी भागवत महापुराण कथा के छठे दिन आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती जी महाराज ने सप्तम और अष्टम स्कंध का दिव्य वाचन एवं व्याख्यान किया।
उन्होंने प्रवचन में कहा कि देवी ही संपूर्ण सृष्टि की आद्यशक्ति हैं, वही जगत की जननी, पालनहार और रक्षक स्वरूपा माता हैं। उन्होंने समझाया कि माता की शक्ति के बिना राम और कृष्ण की लीलाएँ भी अधूरी हैं, क्योंकि सनातन धर्म का मूल आधार ही इन दिव्य लीलाओं से जुड़ा है, जो मानव जीवन को धर्म और सत्य का मार्ग दिखाती हैं।
कथा प्रवक्ता एवं सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरू राजस्थान के अध्यक्ष, पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा ने बताया कि अजमेर में पहली बार आचार्य महामंडलेश्वर जी के मुखारविंद से देवी भागवत कथा का श्रवण हो रहा है, जो नगर के लिए सौभाग्य का विषय है। उन्होंने कहा कि सप्तम स्कंध में धर्म, भक्ति और ज्ञान की महिमा का गहन वर्णन है। जब मनुष्य श्रद्धा और भक्ति से देवी की शरण लेता है, तब जीवन की सभी बाधाएँ स्वतः दूर हो जाती हैं।
अष्टम स्कंध के प्रसंग में आचार्य महामंडलेश्वर ने देवासुर संग्राम की कथा सुनाई और बताया कि जब-जब अन्याय और दानवी शक्तियाँ प्रबल हुईं, तब-तब देवी ने दुर्गा, काली और चामुंडा जैसे स्वरूपों में अवतार लेकर धर्म की रक्षा की। उन्होंने श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि वे केवल देवी का पूजन ही न करें, बल्कि अपने जीवन में धर्म, सत्य और संयम को भी अपनाएँ।
इस अवसर पर घोषणा की गई कि आगामी 4 सितंबर को शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर अजमेर जिले के 21 शिक्षकों का सम्मान आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती जी के करकमलों से किया जाएगा। इसमें रात के महाविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय और जिले के विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक शामिल होंगे।
कथा प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक हो रही है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर माता का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। आयोजन का संचालन प्रेम प्रकाश आश्रम के महंत स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज के सानिध्य में साईं राजू राम जी द्वारा किया जा रहा है।
व्यवस्था में डॉ. कुलदीप शर्मा, विजय कुमार शर्मा, डॉ. रामनिवास शर्मा, भवानी शंकर शर्मा, रामसिंह उदावत, महावीर कुमावत, सरला शर्मा और चंद्रभान प्रजापति सहित अनेक सनातनी सक्रिय सहयोग कर रहे हैं।