Monday, 13 October 2025

फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र: संस्कृत शिक्षा विभाग ने चार वरिष्ठ अध्यापकों को किया बर्खास्त


फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र: संस्कृत शिक्षा विभाग ने चार वरिष्ठ अध्यापकों को किया बर्खास्त

जयपुर। संस्कृत शिक्षा विभाग ने भर्ती में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए चार वरिष्ठ अध्यापकों को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इन शिक्षकों ने वरिष्ठ अध्यापक (संस्कृत शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में दिव्यांग (निशक्तजन) श्रेणी के तहत चयन पाया था और दिसंबर 2024 में नियुक्ति मिली थी।

एसएमएस अस्पताल में हुई जांच में खुला फर्जीवाड़ा

नियुक्ति के बाद दस्तावेज़ों के सत्यापन के दौरान विभाग ने एसएमएस अस्पताल में इनके दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की जांच कराई। जांच में सामने आया कि प्रस्तुत प्रमाण पत्र या तो फर्जी थे या फिर निर्धारित मापदंडों के अनुरूप नहीं थे। इसके आधार पर विभाग ने सभी को अपात्र घोषित कर तत्काल प्रभाव से सेवा से हटा दिया।

बर्खास्त किए गए अध्यापकों के नाम और पदस्थापन

विष्णु कुमार, पुत्र बीरेंद्र सिंह — विषय: हिंदी, पदस्थापन: राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत स्कूल, देहरा (भरतपुर)

सुंदर सिंह, पुत्र सत्यवीर सिंह — विषय: सामाजिक विज्ञान, पदस्थापन: राजकीय प्रवेशिका संस्कृत स्कूल, नीमला (अलवर)

लोकेश राठौर, पुत्र चतुर्भुज राठौर — विषय: सामाजिक विज्ञान, पदस्थापन: राजकीय वरिष्ठ अध्यापक संस्कृत, तेल फैक्ट्री (बारां)

संजीव कुमार, पुत्र रूपसिंह — विषय: सामाजिक विज्ञान, पदस्थापन: राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत स्कूल, सेवर (भरतपुर)

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का सख्त संदेश

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि चयन प्रक्रिया में गलत तरीकों का इस्तेमाल कर सरकारी सेवा में नियुक्ति पाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। भर्ती में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। सत्यापन के बाद अपात्र पाए गए सभी अभ्यर्थियों को सेवा से मुक्त किया जाएगा।

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