सीकर। जिले में 25 अगस्त को हुई तेज बारिश ने शहर और आसपास के इलाकों में तबाही मचा दी। सबसे ज्यादा मार शहर से करीब ढाई किलोमीटर दूर स्थित नानी गांव को झेलनी पड़ी, जहां पास का कच्चा बांध टूट गया और पूरा गांव पानी में डूब गया।
गांव में जलभराव और बीमारी का खतरा: गांव के कई हिस्सों में अभी भी पानी भरा हुआ है।स्कूल का ग्राउंड तालाब में तब्दील हो चुका है।पानी लंबे समय तक रुका रहने से अब बीमारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है।ग्रामीण प्रशासन से तत्काल राहत और स्वास्थ्य शिविर लगाने की मांग कर रहे हैं।
हाईवे और यातायात प्रभावित: बारिश और बांध टूटने के कारण नेशनल हाईवे-52 पर भी पानी भर गया है।इससे यातायात व्यवस्था बाधित हो रही है।लोगों को मुख्य सड़कों पर भी जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
किसानों को लाखों का नुकसान: नानी गांव और आसपास के इलाकों में खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। सोयाबीन, बाजरा और अन्य खरीफ फसलें पानी में डूब गईं।किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द पानी नहीं निकाला गया तो आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी जा रही है ताकि संक्रामक रोगों पर नियंत्रण रखा जा सके।हाईवे पर जलभराव हटाने और यातायात बहाल करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।