Tuesday, 26 August 2025

आरजीएचएस में अनियमितता पर सरकार का सख्त एक्शन: 3 दवा स्टोर और 1 अस्पताल पर एफआईआर, 12 कार्मिक निलंबित


आरजीएचएस में अनियमितता पर सरकार का सख्त एक्शन: 3 दवा स्टोर और 1 अस्पताल पर एफआईआर, 12 कार्मिक निलंबित

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की पहल और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों पर राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में अनियमितताओं पर बड़ा एक्शन लिया गया है। सरकार ने 3 दवा स्टोर और 1 अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। इसके अलावा 2 चिकित्सकों सहित 12 कार्मिक निलंबित किए गए हैं, वहीं 5 विभागों के 473 कार्मिकों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। साथ ही 8 एलोपैथिक और 2 आयुर्वेदिक चिकित्सकों पर भी जल्द कार्रवाई होगी।

फर्जी पर्चे, दवाओं की जगह सामान

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि लंबे समय से आरजीएचएस में अनियमितता की शिकायतें मिल रही थीं। इनकी जांच और वित्त विभाग से ऑडिट के बाद कई गंभीर गड़बड़ियां सामने आईं।

  • चूरू का शिवम ड्रग स्टोर,

  • सीकर का गुरु कृपा अस्पताल,

  • सीकर का न्यू इंडिया मेडिकल स्टोर,

  • नागौर की नागौर कॉपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी लिमिटेड मूण्डवा की दुकान संख्या-3

के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। आरोप है कि फर्जी प्रिस्क्रिप्शन बनाकर दवाओं की जगह अन्य सामान दिया गया और पंचकर्म जैसी सेवाओं का अनावश्यक उपयोग दिखाया गया।

रिश्तेदारों के नाम पर इलाज

राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सीईओ हरजी लाल अटल ने बताया कि कई कार्मिकों ने पत्नी के नाम पर किराएदार, शादीशुदा पुत्री, भाई-बहन या बच्चों के मित्र का इलाज करवाया। इस आधार पर विभिन्न विभागों के 12 कार्मिक निलंबित किए गए हैं।

दोषी चिकित्सकों पर भी गाज

8 एलोपैथिक डॉक्टरों पर अनावश्यक दवाएं लिखने और फर्जी प्रिस्क्रिप्शन बनाने का आरोप है। वहीं 2 आयुर्वेद चिकित्सक बिना जांच के ही दवाएं लिखते पाए गए। इनके खिलाफ भी विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है।

पारदर्शिता के लिए नई व्यवस्था

सरकार ने स्पष्ट किया कि दोषियों को योजना से बाहर कर कानूनी कार्रवाई होगी।

  • एंटी फ्रॉड यूनिट का गठन किया जाएगा जिसमें आईटी, क्लेम ऑडिट और मेडिकल ऑडिट विशेषज्ञ शामिल होंगे।

  • ग्रिवांस रिडरेसल सेल एवं केंद्रीकृत शिकायत समाधान केंद्र स्थापित होंगे।

  • ई-प्री स्क्रिप्शन, ई-बिलिंग और रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किए जाएंगे।

मंत्री के निर्देश

चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि योजना में पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और जवाबदेही लाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे। दोषी अस्पतालों, फार्मेसी स्टोर्स और डॉक्टरों को योजना से बाहर किया जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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