Wednesday, 06 August 2025

जयपुर में 'हिंदू पुनरुत्थान' पुस्तक विमोचन कार्यक्रम: गोविंद देवगिरी बोले — “हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग खोजने की जरूरत नहीं, लेकिन वह मिल जाता है”


जयपुर में 'हिंदू पुनरुत्थान' पुस्तक विमोचन कार्यक्रम: गोविंद देवगिरी बोले — “हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग खोजने की जरूरत नहीं, लेकिन वह मिल जाता है”

जयपुर। जयपुर के कांस्टीट्यूशन क्लब, लालकोठी में आयोजित “हिंदू पुनरुत्थान” पुस्तक विमोचन कार्यक्रम एक वैचारिक संगोष्ठी में परिवर्तित हो गया, जहां राष्ट्र, संस्कृति, सनातन मूल्यों और घर वापसी जैसे मुद्दों पर वक्ताओं ने प्रभावशाली विचार रखे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और मंचासीन अतिथियों के परिचय से हुई। मुख्य अतिथि के रूप में अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी महाराज ने कहा कि हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग खोजने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन वह मिल जाता है। हमें अपने इतिहास पर गर्व होना चाहिए। देश आजाद होने के बाद भी कुछ ‘काले अंग्रेजों’ ने हमारे गौरवशाली अतीत को मिटाने का प्रयास किया।”

उन्होंने आगे कहा कि इंडोनेशिया और बाली जैसे देशों में हिंदू संस्कृति के चिह्न आज भी विद्यमान हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि संपूर्ण विश्व कभी आर्य संस्कृति से जुड़ा हुआ था। गोविंद गिरी महाराज ने हिंदू धर्म के प्रचार, घर वापसी और वैदिक मूल्यों के संरक्षण को वर्तमान समय की आवश्यकता बताया।

मुख्य वक्ता वरिष्ठ प्रचारक रवि कुमार अय्यर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इंडोनेशिया में आज भी बच्चे सरस्वती माता के चित्र के सामने बैठकर पढ़ाई करते हैं। वहां दीपावली, नवरात्र जैसे पर्वों का पुनरुत्थान हुआ है। हमें गर्व है कि राजस्थान के कालीबंगा में 7000 ईसा पूर्व की हिंदू संस्कृति के चिन्ह मिले हैं।” उन्होंने अफगानिस्तान और सऊदी अरब को भी कभी हिंदू राष्ट्र बताया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संघचालक विशिष्ट अतिथि डॉ. रमेश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि  “हमें विचार से अधिक आचार की आवश्यकता है। ऊंच-नीच का भेद छोड़कर सामाजिक समरसता की ओर बढ़ना चाहिए। हस्ताक्षर हिंदी में हों और मातृभाषा का प्रयोग बढ़े — यह आत्मगौरव का प्रतीक है।”

कार्यक्रम अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। हिंदू धर्म एक पूजा पद्धति नहीं, बल्कि जीवन जीने की वैज्ञानिक शैली है। ब्यावर क्षेत्र में 75,000 लोगों की घर वापसी की दिशा में पहल हुई है।”

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