अजमेर में स्थित ऐतिहासिक तारागढ़ क्षेत्र में सोमवार को वन विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़े अतिक्रमण विरोधी अभियान को अंजाम दिया। इस 10 घंटे की कड़ी कार्रवाई के दौरान करीब 213 अवैध कच्ची-पक्की दुकानों को हटाया गया। प्रशासन ने इस अभियान से पहले 268 अवैध अतिक्रमणों की पहचान की थी, जिनमें से 60 से अधिक पर न्यायालय का स्थगन आदेश (स्टे) लागू है।
इस अहम अभियान के लिए वन विभाग ने अजमेर के अलावा टोंक, भीलवाड़ा और नागौर जिलों से करीब 250 वनकर्मियों को बुलवाया, जबकि करीब 900 पुलिसकर्मी, प्रशासनिक अधिकारी और मजदूरों को मौके पर तैनात किया गया। यह कार्रवाई तारागढ़ पैदल मार्ग से मीठा नीम दरगाह और तारागढ़ से बड़ा पीर दरगाह रोड तक फैली वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए की जा रही है।
कलक्टर लोक बंधु ने बताया कि 90 प्रतिशत अतिक्रमण हटा दिया गया है। जल्द ही शेष बचे अतिक्रमण को भी हटा दिया जाएगा।
वन विभाग के उपवन संरक्षक वीेरेन्द्रसिंह जोरा ने बताया-छह सेक्टर में बांटकर दो मुख्य मार्ग पर दुकानों को हटाया गया।एक तरफ 145 व एक तरफ 123 अतिक्रमण थे। कोर्ट के स्टे को छोड़कर सभी अतिक्रमण हटा दिए गए। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान ज्यादा परेशानी नहीं हुई। मुनादी करवाई व समझाइश की। कईयों ने स्वत: ही हटा लिया।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत मौके पर मीडिया की एंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि, प्रशासन खुद इस अभियान से संबंधित फोटो और वीडियो उपलब्ध करवा रहा है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। संवेदनशीलता और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए प्रशासन पूरी सख्ती के साथ इस कार्य को अंजाम दे रहा है। यह क्षेत्र धार्मिक और पर्यटक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।