चोमूं। प्रख्यात उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर श्री गीतागोपाल नाट्यकला संस्थान, चोमूं द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मोरीजा में एक भावपूर्ण एवं प्रेरणादायी जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित कहानी वाचन प्रतियोगिता और रंगमंचीय प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को स्मरणीय बना दिया।
समारोह की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रकाश मानावत ने की तथा वरिष्ठ व्याख्याता मुकेश हाटवाल मीणा आयोजन के मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत के रूप में उपस्थित रहे। अपने उद्बोधन में मानावत ने कहा कि "प्रेमचंद का साहित्य आज के समाज में मानवीय संवेदना और सामाजिक न्याय की दिशा में प्रेरणास्त्रोत है।"
मुख्य वक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने प्रेमचंद की सामाजिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को साहित्य से सीखने और जीवन में नैतिक मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
संस्थान अध्यक्ष एवं रंगमंच कलाकार सुनील सोगण ने ‘बूढ़ी काकी’ का भावप्रवण वाचन कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। इसके अलावा उनकी एकल नाट्य प्रस्तुति 'मुझे वानर बना दो' ने भी दर्शकों की खूब सराहना पाई।
कहानी वाचन प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने ईदगाह, बड़े घर की बेटी, नमक का दरोगा, पंच परमेश्वर जैसी कालजयी कहानियों का प्रभावशाली वाचन कर प्रेमचंद को सच्ची श्रद्धांजलि दी। बच्चों की प्रस्तुतियों में भाव-भंगिमा, सटीक उच्चारण और आत्मीयता की झलक देखने को मिली।
प्रतियोगिता का मूल्यांकन श्रीमती मनफूली देवी, श्रीमती तरुणा यादव और श्री सुनील सोगण की निर्णायक मंडली ने किया। आयोजन के सफल संचालन में मुकेश हाटवाल मीणा की विशेष भूमिका रही, जिन्होंने विद्यार्थियों को साहित्यिक अभिरुचि विकसित करने हेतु मार्गदर्शन दिया। प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करने के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन मुंशी प्रेमचंद स्मृति श्रृंखला के अंतर्गत किया जाएगा।
इस अवसर पर श्रीमती मनफूली देवी, जगदीश प्रसाद शर्मा, भुवनेश मीणा, शंभू दयाल शर्मा, निधि कावत, सांवर मल सेरावत, प्रेम शर्मा, मनीष कुलदीप सहित कई गणमान्य शिक्षकों और अभिभावकों ने उपस्थिति दर्ज कराते हुए बच्चों का उत्साहवर्धन किया। यह आयोजन मुंशी प्रेमचंद की कालजयी साहित्यिक चेतना को विद्यार्थियों के माध्यम से पुनर्जीवित करने का सार्थक प्रयास सिद्ध हुआ।