जब बात मोटापे की आती है, तो हमारा ध्यान तुरंत तेल, मिठाइयों, या जंक फूड की ओर चला जाता है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि आपके किचन में मौजूद साधारण सफेद नमक (table salt) भी वजन बढ़ाने का एक छुपा कारण हो सकता है?
आयुर्वेद में नमक को केवल स्वादवर्धक ही नहीं, बल्कि शरीर में दोषों को बढ़ाने वाला तत्व भी बताया गया है।
चरक संहिता (सूत्रस्थान 5.13) में वर्णन है —"लवणं दोषकरं तिक्तं तृष्णाकरं बलापहम्" जिसका अर्थ है: अधिक मात्रा में लिया गया नमक पित्त और कफ दोष को बढ़ाता है, भूख व प्यास बढ़ाता है, और शरीर में जल संचयन (water retention) करता है — जिससे सूजन और मोटापा दोनों उत्पन्न हो सकते हैं।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है। The Journal of Clinical Investigation (JCI) और PubMed पर प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार: अधिक नमक सेवन से शरीर में पानी रुकने लगता है, जिससे वजन बढ़ता है और इंसुलिन रेसिस्टेंस भी हो सकता है।
सोडियम की अधिकता शरीर में Cortisol जैसे तनाव-हार्मोन को बढ़ाती है, जिससे भूख लगातार बनी रहती है और पेट की चर्बी (belly fat) बढ़ने की संभावना होती है।
चेतावनी संकेत जो बताते हैं कि आप ज्यादा नमक खा रहे हैं:
सुबह उठते ही चेहरे या आंखों के नीचे सूजन।
पैरों और उंगलियों में भारीपन।
बार-बार प्यास लगना।
अचानक वजन में बढ़ोतरी।
उपाय क्या हैं ?उपाय 1: सेंधा नमक अपनाएं
आयुर्वेद में सैंधव लवण (सेंधा नमक) को सबसे संतुलित नमक माना गया है। यह पाचन को सुधारता है और सूजन को कम करता है।
कैसे करें उपयोग: सेंधा नमक को पीसकर डिब्बे में रखें और नियमित नमक की जगह इसका प्रयोग करें।
उपाय 2: रात को त्रिफला + गुनगुना पानी
त्रिफला शरीर में संचित जल और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
विधि: ½ चम्मच त्रिफला चूर्ण को 1 कप गुनगुने पानी में मिलाकर रात को सोने से पहले पिएं।
उल्लेखनीय ग्रंथ और स्रोत:चरक संहिता – सूत्रस्थान 5.13,अष्टांग हृदय – द्रव्यगुणविज्ञान,NCBI, PubMed, JCI शोध-पत्र
डॉ. पीयूष त्रिवेदी, आयुर्वेद विशेषज्ञ, शासन सचिवालय, राजस्थान सरकार M N0: 9828011871