Thursday, 31 July 2025

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की आपदा राहत समीक्षा बैठक: बारिश के चलते पूरे प्रदेश में अलर्ट, 24x7 कंट्रोल रूम, राहत कार्यों में तेजी के निर्देश


मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की आपदा राहत समीक्षा बैठक: बारिश के चलते पूरे प्रदेश में अलर्ट, 24x7 कंट्रोल रूम, राहत कार्यों में तेजी के निर्देश

जयपुर। राजस्थान में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और उससे उत्पन्न जलभराव व बाढ़ जैसी स्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आपदा राहत प्रबंधन की उच्चस्तरीय बैठक लेकर प्रदेशभर के प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाएं, ताकि किसी प्रकार की जनहानि को रोका जा सके।

मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश के अधिकांश बांध, नदियां, तालाब और जलाशय लबालब हो चुके हैं, जिससे निचले और बाढ़ संभावित इलाकों में विशेष निगरानी की आवश्यकता है। ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित कर चेतावनी बोर्ड, अस्थायी चौकियां, और जनसंपर्क के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स की टीमें पूरी तैयारी और संसाधनों के साथ तैनात रहें, विशेषकर संवेदनशील स्थलों पर।

मुख्यमंत्री शर्मा ने निर्देश दिए कि नदी-नालों, रपटों, पुलों पर आवागमन पर रोक लगाई जाए और बारिश के दौरान अस्थायी चौकियों से ट्रैफिक नियंत्रित किया जाए। साथ ही, उन्होंने प्रदेशवासियों से भारी बारिश, आकाशीय बिजली और बाढ़ जैसी आपदाओं से सतर्क रहने की अपील की है। आमजन को सलाह दी गई है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन करें और किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबर 1070, 112 अथवा जिला स्तरीय हेल्पलाइन 1077 पर सूचना दें।

मुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुएं जैसे पेयजल, खाद्य सामग्री, दवाइयां और स्वास्थ्य सुविधाएं निर्बाध रूप से उपलब्ध कराई जाएं। जलभराव और गंदगी वाले क्षेत्रों में नियमित सफाई और रोग नियंत्रण उपायों की मॉनिटरिंग भी की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम, आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था, तथा अस्पतालों में दवाई व स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, पंचायतीराज विभाग, नगर निकायों और लोक निर्माण विभाग सहित सभी संबंधित एजेंसियों को सामंजस्य के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नालों की सफाई, जल निकासी व्यवस्था, चेतावनी प्रणाली, मीडिया के जरिए जागरूकता अभियान और स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी को प्राथमिकता दी जाए।

इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे जिन्होंने अब तक की तैयारियों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि प्रशासन को बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए समर्पण भाव से कार्य करना चाहिए।

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