राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती-2021 को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट में इस भर्ती मामले पर दूसरे सप्ताह की सुनवाई जारी रही। चयनित अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए.के. शर्मा ने बहस करते हुए तर्क दिया कि एसओजी (विशेष कार्यबल) ने सरकार के किसी निर्देश के बिना ही भर्ती रद्द करने की सिफारिश कर दी थी। उन्होंने यह भी बताया कि 19 मार्च 2024 को ट्रेनी एसआई का सरप्राइज टेस्ट लिया गया था, जिसमें मात्र 50 ट्रेनी एसआई फेल हुए थे। इस आधार पर पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करना न्यायोचित नहीं है।
इसपर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति समीर जैन ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह एक नया तथ्य सामने आया है कि एसओजी ने अपनी मर्जी से भर्ती रद्द करने की सिफारिश की। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसओजी के एडीजी वी.के. सिंह को मंगलवार को कोर्ट में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि उनसे इस मुद्दे पर सीधे जवाब लिया जा सके।
इसी मामले में आगे राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से अधिवक्ता एमएफ बैग ने बहस की। उन्होंने बताया कि आयोग ने 30 जून 2023 को भर्ती पूरी होने की सिफारिश सरकार को भेज दी थी। इससे पहले, 18 अप्रैल को आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि दूसरे सदस्य रामू राम राईका ने पहले ही खुलासा कर दिया था कि उनके बेटा और बेटी इस भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थी हैं, जिसके चलते उन्हें प्रक्रिया से अलग कर दिया गया।
कोर्ट ने इस पर भी गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि भले ही राईका को प्रक्रिया से अलग कर दिया गया हो, लेकिन उन्हें चयन प्रक्रिया की गोपनीय जानकारी रही होगी। इस पर आरपीएससी के वकील ने कहा कि आयोग की पूरी प्रक्रिया गोपनीय होती है, मगर कोर्ट ने कटाक्ष करते हुए कहा कि गोपनीयता कितनी रही है, यह इस भर्ती से साफ जाहिर हो जाता है।