सीकर के मास्टर प्लान 2041 के विरोध में रविवार को जाट बोर्डिंग हाउस स्थित रणमल सिंह किसान ऑडिटोरियम में एक विशाल महापंचायत आयोजित की गई। इस महापंचायत की अध्यक्षता कटराथल के विजेंद्र सिंह डोरवाल ने की, जिसमें हजारों किसानों ने भाग लिया और एकजुट होकर मास्टर प्लान को किसान और जनविरोधी बताते हुए इसे तत्काल रद्द करने तथा आपत्तियों की समय-सीमा बढ़ाने की मांग की।
किरडोली के गणेश बेरवाल और एडवोकेट सूरज भान जाखड़ ने सभा को संबोधित करते हुए मास्टर प्लान की कमियों और जनविरोधी प्रावधानों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि बिना भौतिक सर्वेक्षण के पुराने मास्टर प्लानों में मनमाने बदलाव किए गए हैं, जिससे पुरानी सड़कों, रास्तों और बसी-बसाई आबादी की अनदेखी की गई है। 100, 200 और 400 फीट चौड़ी सड़कों का प्रस्ताव और उपजाऊ खेती योग्य जमीनों को अन्य उपयोगों के लिए चिह्नित करना आम लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है।
महापंचायत में सर्वसम्मति से मास्टर प्लान रद्द करने और सभी प्रभावित क्षेत्रों में संघर्ष समितियाँ गठित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ ही 10 अगस्त 2025 को सीकर में एक विशाल आमसभा और रैली आयोजित करने की घोषणा भी की गई। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि यह योजना कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने और किसानों की जमीन छीनने की साजिश है।
महापंचायत में रामेश्वर बगड़िया, जयंत खीचड़, प्रभुदयाल ओला, विमला देवी, जयश्री, महेंद्र डोरवाल, विजय ढाका, बलदेव सैनी, महावीर प्रसाद सैनी, विष्णु सैनी समेत कई नेताओं और किसानों ने भाग लिया और एक सुर में आंदोलन को तेज करने की बात कही। मंच संचालन हरिराम मील ने किया और सभी उपस्थित किसानों का आभार व्यक्त किया।