चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं उपनगर स्थित धुलखेड़ा गांव में दूषित पेयजल आपूर्ति के चलते उल्टी-दस्त (डायरिया) का प्रकोप फैल गया है। घटना में अब तक 55 ग्रामीण बीमार हो चुके हैं, जिनमें से 31 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और 2 की हालत गंभीर होने पर उन्हें चित्तौड़गढ़ जिला अस्पताल रेफर किया गया। इनमें से एक बुजुर्ग शंकरलाल धाकड़ (75) की इलाज के दौरान मौत हो गई है।
प्राथमिक जांच में सामने आया कि पेयजल पाइपलाइन गांव की नालियों से होकर गुज़र रही थी, जिससे गंदा पानी सप्लाई में मिल गया। जलदाय विभाग (PHED) की ओर से हुई जांच में पुष्टि हुई कि नाले के पास से जा रही पाइपलाइन में लीकेज के कारण पानी दूषित हुआ। विभाग ने फिलहाल टैंकरों के माध्यम से जल आपूर्ति शुरू कर दी है और स्थायी समाधान के लिए 300 मीटर नई पाइपलाइन डालने की योजना बनाई गई है।
चिकित्सा विभाग की टीम ने प्रभावित इलाके में घर-घर जाकर सर्वे किया और सामान्य लक्षण वाले रोगियों को घर पर दवा देकर इलाज किया, जबकि गंभीर रोगियों को चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। वर्तमान में 11 मरीजों का उपचार चल रहा है।
गौरतलब है कि तीन दिन पहले गोपीलाल धाकड़ की भी मौत हुई थी, जिसे लेकर ग्रामीणों और चिकित्सा विभाग की राय अलग-अलग है। ग्रामीण इसे इसी बीमारी से जुड़ी मौत मान रहे हैं, जबकि विभागीय पुष्टि अभी लंबित है।
PHED बेगूं के अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि एक उपभोक्ता द्वारा पुराने कनेक्शन को नाले में छोड़ देने से दूषित जल आपूर्ति में मिल गया था। लीकेज को ठीक कर दिया गया है और वैकल्पिक पाइपलाइन बिछाने का काम जल्द शुरू किया जाएगा।