जयपुर/चित्तौड़गढ़। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जयपुर यूनिट ने भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (CBN) उज्जैन में तैनात इंस्पेक्टर महेन्द्र सिंह और उसके सहयोगी बिचौलिये जगदीश मेनेरिया को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई के दौरान CBI ने चित्तौड़गढ़ के एक होटल में ट्रैप लगाकर बिचौलिए को रिश्वत की ₹3 लाख की राशि लेते हुए पकड़ा और उसके बाद उज्जैन से इंस्पेक्टर को भी अरेस्ट किया।
परिवादी द्वारा CBI को दी गई शिकायत के अनुसार, मार्च 2025 में एक लावारिस गाड़ी से 400 किलो डोडा-चूरा पकड़ा गया था। इसी मामले में परिवादी किसान और उसके परिवार को झूठे नारकोटिक्स केस में फंसाने की धमकी देकर इंस्पेक्टर महेन्द्र सिंह ने ₹1 करोड़ की रिश्वत की मांग की थी। बाद में यह सौदा घटकर ₹53 लाख में तय हुआ।
बिचौलिये जगदीश मेनेरिया के जरिए रिश्वत की डील तय की गई थी। शिकायत के आधार पर CBI ने गुरुवार को FIR दर्ज कर ट्रैप योजना बनाई। तय योजना के अनुसार, जैसे ही परिवादी ने चित्तौड़गढ़ के होटल में 3 लाख रुपये बिचौलिए को सौंपे, CBI की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि यह रकम CBN इंस्पेक्टर महेन्द्र सिंह के लिए ली जा रही थी।
इसके तुरंत बाद CBI ने उज्जैन से इंस्पेक्टर महेन्द्र सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही राजस्थान और मध्य प्रदेश के तीन ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और इस प्रकरण में अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।
यह मामला सरकारी तंत्र में बैठे कुछ अधिकारियों की गैरकानूनी गतिविधियों और आम नागरिकों को झूठे मामलों में फंसाकर धन वसूलने की प्रवृत्ति को उजागर करता है। CBI द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक बड़ी चेतावनी मानी जा रही है।