पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अजमेर दौरे पर मीडिया से बातचीत में बड़ा राजनीतिक बयान दिया। गहलोत ने कहा कि अगर वसुंधरा राजे को फिर से मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलता तो “मजा आता”, लेकिन उनकी ही पार्टी उन्हें यह अवसर नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे अनुभवी हैं, और यह सवाल बीजेपी से पूछा जाना चाहिए कि उन्हें क्यों दरकिनार किया जा रहा है।
गहलोत अजमेर सर्किट हाउस में रविवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी की “नेचुरल चॉइस” वसुंधरा राजे होनी चाहिए थीं।
गहलोत से जब वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मोहन भागवत से मुलाकात पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा— “भागवत जी ने जोधपुर को चुना, यह बड़ी कृपा है। मैं चाहूंगा कि जोधपुर से भाईचारे, प्यार और मोहब्बत का संदेश जाए।”
उन्होंने चेतावनी दी कि काशी-मथुरा जैसे मुद्दों को बार-बार उठाना देश में तनाव और दंगा भड़का सकता है। गहलोत ने कहा कि मोहन भागवत अच्छी बातें कहते हैं, लेकिन बीच-बीच में “फॉल्ट” कर जाते हैं। “अगर स्वयंसेवकों को छूट है, तो वही तो RSS है, ऐसी बातें क्यों की जा रही हैं? पूरा देश चिंतित है, बस अभी बोल नहीं रहा।”
पूर्व सीएम ने प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह योजना केवल पात्र लोगों के लिए है, जबकि राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य योजना पूरे राज्य के लिए है। गहलोत ने इसे कमजोर करने की कोशिशों को गलत ठहराया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि— “मुख्यमंत्री के सलाहकार कौन हैं, मैं इसकी खोज कर रहा हूं। पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं, अनुभव कम है। मैं व्यक्तिगत रूप से विरोधी नहीं हूं, लेकिन विपक्ष में हूं। जनहित में बातें करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि भजनलाल के लिए हमें बोलना पड़ेगा, क्योंकि राज्य में हो रही परिस्थितियों पर टिप्पणी करना विपक्ष की जिम्मेदारी है।