Monday, 24 March 2025

जयपुर चिड़ियाघर में शुतुरमुर्ग का पहला सफल प्रजनन, अवंतिका और मल्लिकार्जुन बने माता-पिता


जयपुर चिड़ियाघर में शुतुरमुर्ग का पहला सफल प्रजनन, अवंतिका और मल्लिकार्जुन बने माता-पिता

जयपुर के चिड़ियाघर में 13 मार्च 2025 को शुतुरमुर्ग के पहले सफल कैप्टिव प्रजनन की ऐतिहासिक घटना दर्ज हुई है। नर शुतुरमुर्ग मल्लिकार्जुन और मादा अवंतिका के घर एक नन्हे शुतुरमुर्ग का जन्म हुआ है, जिसका वजन डेढ़ से 2 किलो के बीच है और रंग गेहूंआ है। यह राजस्थान में शुतुरमुर्ग का पहला सफल प्रजनन बताया जा रहा है।

24 घंटे निगरानी में नन्हा मेहमान

इस चूजे की देखभाल के लिए चार केयरटेकर अलग-अलग शिफ्ट में तैनात हैं। हर गतिविधि को डायरी में नोट किया जा रहा है, जैसे– कब दाना चुग रहा है, कब पानी पी रहा है या मां के साथ बैठा है। सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए हैं ताकि कोई पक्षी या जानवर नुकसान न पहुंचा सके। बाज आने पर गुलेल और अन्य पक्षियों को रैलिंग से भगाया जा रहा है।

12 अंडों में से 10 की देखभाल जारी

मादा शुतुरमुर्ग अवंतिका ने 14 जनवरी को पहला अंडा दिया था और कुल 12 अंडे दिए। एक अंडा टूट गया, लेकिन अभी 10 अंडों से और बच्चों के जन्म की उम्मीद की जा रही है। यह कपल मार्च 2021 में चेन्नई से लाया गया था और तभी से प्रजनन की कोशिशें की जा रही थीं। 2022 में भी एक अंडा दिया गया था, लेकिन वह अल्पविकसित था।

प्रजाति संरक्षण की दिशा में बड़ी उपलब्धि

जयपुर चिड़ियाघर में शुतुरमुर्ग के इस पहले सफल प्रजनन को वाइल्डलाइफ संरक्षण के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। चिड़ियाघर प्रशासन और वेटरनरी टीम इस नन्हे मेहमान की देखभाल में जुटी हुई है और जल्द ही उसका नामकरण भी किया जाएगा। इस घटना से प्रजाति के विस्तार और भविष्य में और चूजों के जन्म की उम्मीदें और बढ़ गई हैं।

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