राजस्थान राजस्व बार एसोसिएशन ने एक बड़ी जीत हासिल की है। राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायाधीश आशुतोष कुमार शामिल थे, ने जयपुर में राजस्व मंडल की स्थायी बेंच स्थापित करने की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि सर्किट बेंच या स्थायी बेंच की स्थापना का निर्णय लेना राज्य सरकार का अधिकार क्षेत्र है, और उच्च न्यायालय ऐसे किसी आदेश को जारी नहीं कर सकता।
जयपुर बार एसोसिएशन ने याचिका दायर कर यह मांग की थी कि राजस्थान राजस्व मंडल की स्थायी बेंच जयपुर में स्थापित की जाए। अदालत ने इसे एडमिशन के स्तर पर ही खारिज करते हुए याचिका को डिस्पोज ऑफ कर दिया।
राजस्थान राजस्व बार एसोसिएशन की भूमिका: राजेंद्र बराड़(अध्यक्ष) और भींयाराम चौधरी (सचिव) के नेतृत्व में एसोसिएशन ने याचिका के खिलाफ मजबूती से पक्ष रखा। एडवोकेट धर्मेंद्र चौधरी ने अदालत में राजस्व मंडल राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रभावी पैरवी की।
फैसले पर प्रतिक्रिया:इस फैसले के बाद अजमेर के वकीलों ने ढोल-धमाकों के साथ राजस्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव का स्वागत किया।वकीलों ने इसे अजमेर की जीत बताते हुए कहा कि यह निर्णय राजस्व मंडल राजस्थान के बिखंडन की अटकलों पर विराम लगाएगा।इस जीत से राजस्थान राजस्व बार एसोसिएशन के अन्य मामलों में भी सफलता मिलने की संभावना बढ़ गई है।
याचिका खारिज होने के प्रभाव:हाईकोर्ट के आदेश ने स्पष्ट कर दिया है कि सर्किट बेंच या स्थायी बेंच की स्थापना का निर्णय केवल राज्य सरकार के दायरे में आता है। यह फैसला अजमेर के वकीलों और राजस्थान राजस्व मंडल के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है।