मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रभारी और बायतु विधायक हरीश चौधरी ने शनिवार को जैसलमेर के बासनपीर में आयोजित प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर स्पष्ट कहा कि थार के लोग सदैव “अपणायत” (आपसी भाईचारे) में विश्वास करते हैं, न कि नफरत और भड़काऊ राजनीति में। उन्होंने घोषणा की कि वे बासनपीर जाकर गांधी रामधुन संकीर्तन और सर्वधर्म प्रार्थना करेंगे तथा “नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान” खोलने का प्रयास करेंगे।
पत्रकार वार्ता में चौधरी ने कहा कि जैसलमेर प्रशासन की ओर से अब तक उन्हें किसी प्रकार की रोक की सूचना नहीं दी गई है, लेकिन यदि उन्हें कहीं भी रोका गया तो वे वहीं शांति से बैठकर रामधुन और प्रार्थना करेंगे। उन्होंने पोकरण विधायक प्रतापपुरी द्वारा दिए गए बयानों को नफरत फैलाने वाला करार दिया और कहा कि एक धर्म के विरुद्ध बयानबाजी और वर्ण व्यवस्था पर टिप्पणी करना समाज को विभाजित करने का प्रयास है, जो कि अनुचित है।
चौधरी ने प्रशासनिक असंवेदनशीलता पर भी सवाल उठाए और कहा कि यदि अधिकारियों ने समय रहते ग्रामीणों से संवाद स्थापित किया होता, तो यह विवाद इतना नहीं बढ़ता। उन्होंने बासनपीर भूमि विवाद को लेकर कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ग्रामीणों द्वारा भूमि अतिक्रमण का आरोप भी तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि यह भूमि पूर्व में सरकार द्वारा ही आवंटित की गई थी और नवातला के ग्रामीणों ने देश सेवा के लिए अपनी जमीनें पोकरण फायरिंग रेंज को दी थीं।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से इस आंदोलन और दौरे पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। शिव थाना क्षेत्र में बाड़मेर-जैसलमेर सीमा पर अतिरिक्त पुलिस बल, आरएसी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है। एएसपी जसाराम बोस को नोडल अधिकारी बनाया गया है और कानून व्यवस्था को बनाए रखने हेतु 5 थानाधिकारियों के नेतृत्व में जाब्ता तैनात है।
उल्लेखनीय है कि बासनपीर प्रकरण में जैसलमेर प्रशासन ने धारा 163 के तहत प्रतिबंध लगाए हैं और क्षेत्र में प्रवेश पर रोक जारी है। हालांकि, कांग्रेस नेता चौधरी के नेतृत्व में समर्थकों द्वारा इस कार्यक्रम को शांति और सद्भावना के प्रतीक के रूप में आयोजित करने का संकल्प दोहराया गया है।