Sunday, 28 December 2025

राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया को सोशल मीडिया पर धमकी, करणी सेना प्रमुख के पोस्ट से मचा राजनीतिक बवाल


राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया को सोशल मीडिया पर धमकी, करणी सेना प्रमुख के पोस्ट से मचा राजनीतिक बवाल

उदयपुर। पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया को लेकर क्षत्रिय करणी सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत द्वारा सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक और धमकी भरी पोस्ट से राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। यह पोस्ट 22 दिसंबर को गोगुंदा में आयोजित एक शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल कटारिया द्वारा महाराणा प्रतापको लेकर दिए गए बयान की प्रतिक्रिया में की गई है। पोस्ट में राज्यपाल के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए करणी सैनिकों को हिंसा के लिए उकसाने जैसे शब्द लिखे गए, जिससे कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में लिखा गया— “सुन रे गुलाबचंद, तेरी औकात में रह… करणी सैनिकों, मारो रे इसे जब और जहां मिले।” बताया जा रहा है कि यह पोस्ट गुजरात निवासी डॉ. राज शेखावत के सोशल मीडिया अकाउंट से की गई। हालांकि, इस पूरे मामले में राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया की ओर से अब तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, लेकिन प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है।

गोगुंदा में दिए बयान से शुरू हुआ विवाद

22 दिसंबर को उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र की धूली घाटी में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल कटारिया ने कहा था कि महाराणा प्रताप को राजनीतिक पहचान दिलाने का कार्य जनता पार्टी के शासनकाल में हुआ। उन्होंने हल्दीघाटी, चावंड, पोखरगढ़ और मायरा की गुफा जैसे ऐतिहासिक स्थलों के विकास का उल्लेख करते हुए कहा था कि इन क्षेत्रों तक सड़क और बुनियादी सुविधाएं उसी दौर में पहुंचीं। साथ ही उन्होंने भील समाज की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि बिना भीलू राणा और आदिवासी सहयोग के महाराणा प्रताप का संघर्ष संभव नहीं था।

प्रशासन ने दी कार्रवाई की चेतावनी

इस बयान के कुछ अंशों को लेकर वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद करणी सेना की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। उदयपुर के पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने स्पष्ट कहा कि संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति को लेकर इस तरह की धमकी भरी पोस्ट कानूनन अपराध है और मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल के बयान को तोड़-मरोड़ कर आधा-अधूरा प्रस्तुत किया गया है और पूरा संदर्भ समझना आवश्यक है।

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